कनाडा का ओलंपिक से हटने का फैसला

टोक्यो। विश्व एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कू ने कोरोना वायरस महामारी के चलते टोक्यो ओलंपिक को स्थगित करने की मांग की जबकि कनाडा ने खेलों से हटने का फैसला किया और जापान के प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि खेलों में देरी ‘अवश्यंभावी’ लग रही है। आस्ट्रेलिया ने भी अपने खिलाड़ियों से टोक्यो ओलंपिक 2021 की तैयारी करने के लिये कहा है। ऐसी पूरी संभावना है कि 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होने वाले ये खेल अब स्थगित कर दिये जायेंगे। जापान और ओलंपिक अधिकारी लगातार कहते आये हैं कि खेल निर्धारित समय पर होंगे लेकिन दुनिया भर से खेल महासंघों और खिलाड़ियों के विरोध के बाद उनका रूख बदला है।

अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक और फील्ड महासंघ के प्रमुख सेबेस्टियन कू ने आईओसी अध्यक्ष थामस बाक को पत्र लिखकर कहा है कि जुलाई में ओलंपिक कराना न तो मुनासिब है और न ही उचित। कू ने कहा, ‘अधिकतर देशों ने अपने नागरिकों को घरों के भीतर रहने के निर्देश दिये हैं लिहाजा ऐसे में एथलीटों का अभ्यास करना ठीक नहीं होगा। कोई नहीं चाहता कि ओलंपिक स्थगित हो लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा की कीमत पर खेल नहीं हो सकते।’ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संसद में कहा कि जापान खेलों को मुकम्मिल कराने को लेकर प्रतिबद्ध है । उन्होंने हालांकि कहा ,‘‘ यदि वह मुश्किल होता है तो खिलाड़ियों को प्राथमिकता पर रखते हुए खेलों को स्थगित करने का फैसला अवश्यंभावी लग रहा है ।’’
कोविड-19 के कारण लगायी गयी पाबंदियों और प्रतियोगिताओं के सारे कार्यक्रम गड़बड़ाने के कारण खिलाड़ी और खेल संघ ओलंपिक स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। कनाडा ओलंपिक और परालंपिक से हटने वाली पहली टीम बन गयी है। उसने इसे एक साल तक टालने का आग्रह किया है। कनाडा की ओलंपिक समिति ने कहा ,‘‘ बात सिर्फ खिलाड़ियों की सेहत की नहीं बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की है । कोविड 19 के चलते हमारे खिलाड़ियों , उनके परिवारों और कनाडाई लोगों की सेहत और सुरक्षा को देखते हुए उनका तैयारी जारी रखना सही नहीं होगा ।’ इससे पहले अमेरिका और फ्रांस के तैराकी महासंघ, अमेरिका और स्पेन के एथलेटिक्स महासंघ, नार्वे ओलंपिक समिति, फ्रांस एथलेटिक्स और जाने माने मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी कह चुके हैं कि इन हालात में ओलंपिक नहीं होने चाहिये। चार बार के ओलंपिक चैम्पियन फर्राटा और लंबी कूद के एथलीट कार्ल लुईस ने कहा कि वह खेलों को स्थगित करने के पक्ष में हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ऐसे माहौल में खिलाड़ियों के लिये तैयारी कर पाना मुश्किल है । मुझे लगता है कि खेल दो साल बाद कराये जाने चाहिये। बीजिंग में 2022 में शीतकालीन ओलंपिक के साथ। इसे ओलंपिक वर्ष बना देना चाहिये।’ आईओसी अब तक लगातार कहती आई है कि खेल 24 जुलाई से शुरू होंगे हालांकि कोविड 19 के चलते दुनिया भर में टूर्नामेंट रद्द हो गए हैं। चारों ओर से हो रही निंदा के बाद आईओसी ने आखिरकार स्वीकार किया कि ओलंपिक स्थगित करने की संभावना पर विचार हो सकता है। आस्ट्रेलियाई ओलंपिक समिति (एओसी) ने सोमवार को बोर्ड की बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से फैसला लिया कि जुलाई में खेलों का हो पाना संभव नहीं है। आस्ट्रेलिया के दल प्रमुख इयान चेस्टरमैन ने कहा,‘‘यह साफ है कि खेल जुलाई में नहीं होने जा रहे। हमारे खिलाड़ियों का तैयारी और अभ्यास को लेकर रवैया सकारात्मक रहा है लेकिन तनाव और अनिश्चितता उनके लिये काफी चुनौतीपूर्ण है।’’ एओसी के मुख्य कार्यकारी मैट कैरोल ने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी और परिवार की सेहत को लेकर प्राथमिकतायें तय करनी होगी।

जापान के फुमातो में सोमवार को टोक्यो ओलंपिक 2020 मशाल के साथ सेल्फी लेने के लिये एक जोड़े ने मास्क तक उतार दिया। कोरोना वायरस के खतरे के कारण ओलंपिक खेलों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। -एएफपी

उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियाई टीम देश विदेश में मौजूदा हालात में एकत्र नहीं हो सकती और अब उसे अगले साल ओलंपिक को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिये। ब्राजील और स्लोवेनिया की ओलंपिक समिति ने भी कहा है कि इन हालात में वे अपने खिलाड़ियों को ओलंपिक के लिये नही भेज सकते।
खेल होंगे या नहीं, फैसला 4 सप्ताह के भीतर : आईओसी
वहीं अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने रविवार को कहा कि दुनिया भर में कोविड 19 के प्रकोप के चलते ओलंपिक स्थगित करना एक विकल्प है लेकिन टोक्यो ओलंपिक रद्द करना उसके एजेंडे में नहीं है। आईओसी अध्यक्ष थामस बाक ने कहा कि इस पर फैसला चार सप्ताह के भीतर लिया जायेगा। उन्होंने खिलाड़ियों को एक खुले खत में लिखा,‘इंसान सबसे ऊपर है,खेलों के आयोजन से भी।’ उन्होंने कहा,‘हमने पहले भी संकेत दिये हैं कि हम अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 की अंतिम तिथि तय करना अब भी जल्दबाजी होगी।’ उन्होंने कहा कि आईओसी संबंधित पक्षों और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क में है। बाक ने कहा,‘हमें यकीन है कि अगले 4 सप्ताह में कोई हल निकल आयेगा। खेलों को रद्द करना किसी समस्या का समाधान नहीं है और इससे किसी का भला नहीं होगा लिहाजा यह हमारे एजेंडे में नहीं है।’

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