साइना ने कराटे छोड़ थामा था रैकेट

अब किया राजनीति की ओर रुख
खेलपथ प्रतिनिधि

भारतीय बैडमिंटन की पोस्टर गर्ल साइना नेहवाल का आज जन्मदिन है। साइना आज तीस वर्ष की हो गईं। पिछले कुछ सालों में भारतीय बैडमिंटन ने दुनिया में अपना एक अहम मुकाम हासिल किया। भारत में महिला बैडमिंडन की लोकप्रियता बढ़ी, नई खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर खुद को साबित किया। भारत में महिला बैडमिंटन को लोकप्रिय बनाने में साइना नेहवाल का अहम योगदान है। साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था।
शुरुआती पढ़ाई हिसार में हुई। साइना के पिता हरियाणा के एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे। जब साइना की उम्र आठ साल थी, तभी उनके पिता का ट्रांसफर हैदराबाद हो गया। हैदराबाद पहुंच साइना ने पहले कराटे सीखना शुरू किया, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उन्होंने इसे छोड़ बैडमिंटन कैंप ज्वॉइन कर लिया।
साइना ने भारतीय महिला बैडमिंटन के सिंगल्स में दुनिया के नंबर वन स्थान तक पहुंचीं। साइना एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने सभी बड़े बीडब्ल्यूएफ टूर्नामेंट में मेडल अपने नाम किए हैं। वह बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं। साथ ही ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वो 2008 ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं और इसके बाद साल 2012 में लंदन ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। साइना ने साल 2010 और 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीता है। साइना को साल 2016 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न, पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। साइना ने अपने साथी बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप से साल 2018 में शादी रचाई। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया है। फिलहाल वो मैदान पर लौटने के लिए मेहनत कर रही हैं। 

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