खो-खो को एशियाई खेलों में शामिल किए जाने की उम्मीद: आईएओ

नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने उम्मीद जतायी है कि देश के पारंपरिक खेल खो-खो को 2026 के एशियाई खेलों में शामिल कर लिया जाएगा। आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने यहां कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जापान में होने वाले 2026 एशियाई खेलों में खो-खो को शामिल कर लिया जाएगा। खो-खो इस समय दुनिया के 25 देशों में खेला जाता है। मेहता ने बताया कि खो-खो को एशियाई ओलंपिक परिषद ने 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए 18वें एशियाई खेलों के दौरान औपचारिक रुप से अपने मान्यता प्रदान कर दी थी। 

एशियाई खो-खो महासंघ के अध्यक्ष मेहता ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि खो-खो को 2026 एशियाई खेलों में पूर्ण खेल का दजार् मिल जाएगा। मेरा सपना है कि मैं खो-खो को राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक स्तर पर भी देखूं।” 

अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने भी विश्वास जताया कि खो-खो को चीन के हांगझाऊ में होने वाले 2022 एशियाई खेलों में प्रदर्शनी खेल के तौर पर शामिलकर लिया जाएगा। अभी तक एशियाई खो-खो की तीन चैंपियनशिप आयोजित हुई हैं जिसमें भारत ने 1996 और 2016 तथा बंगलादेश ने 2000 में इनकी मेजबानी की थी। इसका चौथा संस्करण इस वर्ष अगस्त में भारत में होगा।   

मेहता ने बताया कि भारतीय खो-खो महासंघ पहली बार लेवल वन के अंतरराष्ट्रीय कोचिंग शिविर का दो चरणों में आयोजन कर रहा है जिससे सभी संबद्ध देशों को तकनीकि सहायता उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 27 नवंबर से 20 दिसंबर तक दिल्ली, पुणे और हैदराबाद में अल्टीमेट खो-खो लीग का आयोजन किया जाएगा जिसमें आठ टीमें हिस्सा लेंगी और इसमें विदेशी खिलाड़ियों की भागीदारी भी रहेगी। 

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