समय से पहले खेलों को कहा अलविदा

खेलपथ प्रतिनिधि

खेल की दुनिया में लम्बे समय तक बने रहना अपने आप में एक चुनौती होती है। इस दौरान खिलाड़ियों को ना सिर्फ अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होता है बल्कि बढ़ती उम्र के बीच अपने खेल और प्रदर्शन के स्तर को भी बरकरार रखना होता है, और ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति में खिलाड़ी अक्सर कम उम्र में ही खेल को अलविदा कह देते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण बनी थीं पूर्व चैम्पियन रूस की मारिया शारापोवा जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की आयु में टेनिस जगत को अलविदा कह दिया। हालांकि शारापोवा के अलावा कुछ अन्य स्टार खिलाड़ी भी थे जिन्होंने कम उम्र में संन्यास लेकर खेलजगत को चौंका दिया था।

किम क्लिस्टर्स

बेल्जियम की टेनिस दिग्गज किम क्लिस्टर्स ने मई 2007 में मात्र 23 वर्ष की आयु में टेनिस से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। एकल और युगल दोनों ही वर्ग में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रहीं किम ने छह ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किए थे। वे पहली ऐसी खिलाड़ी रही जिन्होंने बिना कोई ग्रैंडस्लैम खिताब जीते ही डब्ल्यूटीए रैंकिंग में पहली पायदान हासिल की। हालांकि बाद में उन्होंने फ्रेंच ओपन और विंबल्डन के डबल्स में जीत हासिल की थी। अपने सर्वश्रेष्ठ खेल के बावजूद वे लगातार चोटों से परेशान रहीं और कई टूर्नामेंटों से बाहर रहीं। हालांकि किम ने ठीक होने और माँ बनने के बाद वापसी की कोशिश जरुर की लेकिन फिर दोबारा से सफलता हासिल नहीं कर पाई।

ब्योन बोर्ग

टेनिस जगत के महान खिलाड़ियों में शुमार स्वीडन के ब्योन बोर्ग कम उम्र में ही सफलता हासिल करने लगे थे। उन्होंने पांच बार एटीपी प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब जीता, साथ ही 16 ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में भी जीत हासिल की। बोर्ग  ने टेनिस इतिहास में लगातार सबसे अधिक जीत का रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन करियर की अपनी उंचाइयों पर चल रहे बोर्ग ने अचानक से मात्र 26 साल की उम्र में संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था. हालांकि इसके कुछ सालों बाद उन्होंने फिर से टेनिस कोर्ट में वापसी की कोशिश की लेकिन फिर सफल नहीं हो पाए।

जेम्स टेलर

इंग्लैंड क्रिकेट टीम की तरफ से मात्र 22 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले युवा टेलर ने अचानक से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था। साल 2011 में डेब्यू के बाद तेजी से सफलता की उंचाइयों को छूने वाले जेम्स टेलर ने मात्र 26 साल की उम्र में ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वे उस वक्त दिल की गंभीर बीमारी से परेशान थे और जिंदगी-मौत से जूझ रहे थे। टेलर ने इंग्लैंड के लिए 7 टेस्ट मैच और 27 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले।

जस्टिन हेनिन

बेल्जियम की टेनिस सनसनी रहीं जस्टिन हेनिन ने कम समय में ही टेनिस जगत में अपना नाम बनाया। साल 2004 में एथेंस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने और तीन ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली हेनिन ने 14 मई 2008 में अचानक संन्यास ले लिया था। संन्यास से पहले जस्टिन ने चार फ्रेंच ओपन, एक अमेरिकी ओपन और ऑस्ट्रेलियाई ओपन जैसे ग्रैंड स्लेम टूर्नामेंट जीते थे। उन्होंने 2005, 2006 और 2007 में लगातार तीन साल तक फ्रेंच ओपन का खिताब जीता। शानदार फॉर्म में होने के बावजूद वे वर्ष 2007 में पारिवारिकि कारणों से ऑस्ट्रेलियन ओपन का टाइटल नहीं जीत पाईं। इसके बाद वे वर्ष 2008 में चोटों के कारण परेशान रहीं और रैंकिंग में वर्ल्ड नंबर वन होने के बावजूद उन्होंने टेनिस को अलविदा कह दिया।

माइकल जॉर्डन

बास्केटबॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ी रहे माइकल जॉर्डन ने 30 वर्ष की उम्र में उस वक्त खेल को अलविदा कह दिया जब वे अच्छी फॉर्म में थे। उन्होंने 1993 में बास्केटबॉल से संन्यास लेने का फैसला कर लिया। दरअसल पिता के निधन के बाद वे टूट गए और निराश हो गए। हालांकि उन्होंने नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन से अलविदा कहने के बाद फिर से वापसी की और तीन सीजन खेले। इसके बाद जॉर्डन ने एक बार फिर बास्केटबॉल को अलविदा कहा। उनकी वापसी भी अच्छी रही लेकिन उनका पहली बार संन्यास लेने का फैसला चौंका देने वाला था।

रिलेटेड पोस्ट्स