जापान में पांच खिलाड़ियों से पदक की आस

चार साल में एक बार आने वाला खेलों का 'महाकुंभ' ओलम्पिक इस बार जापान की राजधानी टोक्यो में होने जा रहा है। कोरोना वायरस के खतरे के बीच 24 जुलाई से ओलंपिक 2020 का आगाज हो रहा है। ओलंपिक की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार करीब 206 देशों के बीच 33 खेलों में 339 प्रतियोगिताओं का आयोजन होना है। अपनी संस्कृति और खान-पान के लिए मशहूर जापान को उगते हुए सूरज का देश भी कहा जाता है। टोक्यो ओलंपिक में इस बार तकनीक का बोलबाला होने वाला है। 200 से ज्यादा ज्वालामुखी वाला देश जापान लोगों को आकर्षित करने के लिए खेलों में तकनीक का गजब इस्तेमाल करने जा रहा है।
आजादी के बाद से भारत ने पांच बार गोल्ड मेडल ही जीते थे, लेकिन निजी तौर पर भारत के किसी खिलाड़ी ने कोई गोल्ड मेडल नहीं जीता था। सभी मेडल फील्ड हॉकी से आए थे, फिर 2008 में बिंद्रा ने चीन में सोने पर निशाना साधा। उन्होंने 10 मीटर राइफल शूटिंग में सोने का तमगा जीता। बिंद्रा ने 10.8 पर निशाना लगाकर सुनहरा इतिहास रचा। पेइचिंग में भारत ने दो और मेडल जीते थे। विजेंदर सिंह ने बॉक्सिंग में और सुशील कुमार ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता था।
विनेश फोगाट, कुश्ती
2016 रियो ओलंपिक में इंजरी के बाद क्वार्टरफाइनल में बाहर हो जाने वाली विनेश फोगाट पहलवानी में भारत की नई उम्मीद है। 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर 25 वर्षीय यह एथलीट टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली पहलवान बनीं थीं।
बजरंग पूनिया, कुश्ती
2017 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप जीतने के बाद जबरदस्त फॉर्म में चल रहे बजरंग से भी कुश्ती में गोल्ड मेडल की आस होगी। 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्णिम पताका लहराने वाले हरियाणा के इस पहलवान ने एशियन गेम्स में भी सोना जीता था। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर टोक्यो के लिए क्वालीफाई करने वाले 25 वर्षीय बजरंग भारत की उम्मीदों को नहीं तोड़ेगे।
मैरीकॉम, मुक्केबाजी
लंदन 2012 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और भारत की सबसे अनुभवी मुक्केबाज मैरीकॉम 2016 में क्वालीफाई करने से चूक गईं थीं। 'सुपरमॉम मैरीकॉम' के नाम से ख्यात 36 वर्षीया इस मुक्केबाज में अभी भी इतना दम है कि वह टोक्यो में तिरंगा लहरा दे।  49 किग्रा भारवर्ग से 51 किग्रा कैटेगरी में खुद को ढालना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
पीवी सिंधु, बैडमिंटन
महज 20 साल की उम्र में 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर रातों-रात पूरे देश की लाड़ली बनने वालीं सिंधु ने बीते चार साल में कई उतार-चढ़ाव देखे। साइना नेहवाल की खराब फॉर्म के बाद देश को उनसे उम्मीदें भी बढ़ गई है। हैदराबाद में जन्मीं सिंधु ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया था। एक बार फिर समूचा हिंदुस्तान चाहेगा कि वह बैडमिंटन में गोल्ड जीतकर स्वर्णिम कहानी लिखे।
मनु भाकर, शूटिंग
महज 15 साल की उम्र में एशियन जूनियर चैंपियनशिप जीतकर दुनिया को अपना नाम बताने वालीं मनु भाकर शूटिंग में भारत की नई उम्मीद है। 17 वर्षीय इस निशानेबाज आईएसएसएफ वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल कर इतिहास रचा था। 25 मीटर एयर पिस्टल में वह देश की बड़ी उम्मीद होंगी।

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