खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि घटी, खेल बजट में भी सिर्फ 50 करोड़ की बढ़ोतरी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खेलों का बजट पिछले साल की तुलना में करीब 50 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है। इस बार बजट से खिलाड़ियों को भी बड़ा झटका लगा है। उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी कमी की गई हैं 
खेल मंत्रालय को 2826.92 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि वर्ष 2019-20 के संशोधित बजट में यह आवंटन 2776.92 करोड़ रुपये था। 
खेलो इंडिया का बजट 312.42 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है। वर्ष 2019-20 में यह बजट करोड़ रुपये था। इस बढ़ाकर 890.42 करोड़ रुपये किया गया है। 
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और पुरस्कार की राशि पिछले साल की तुलना में काफी कम कर दी गई है। यह राशि 496 करोड़ रुपये से घटाकर 372 करोड़ रुपये कर दी गई है। 
भारतीय खेल प्राधिकरण का बजट भी 615 करोड़ रुपये से घटा कर 500 करोड़ कर दिया गया है। 
पिछले साल भी साई स्टेडियम के मरम्मत कार्यों का बजट 96 करोड़ से घटाकर 75 करोड़ कर दिया गया था। 
खिलाड़ियों के नेशनल वेलफेयर फंड के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछली बार की तरह इस बार भी उसका बजट 2 करोड़ रखा गया है। 
जम्मू कश्मीर में खेल सुविधाओं को बढ़ाने का बजट इस भी 50 करोड़ रखा गया है। 
लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल एजुकेशन को पिछली बार की तुलना में 5 करोड़ ज्यादा मिले हैं और उसका कुल बजट 55 करोड़ हो गया है। 
साइंस एंड रिसर्च सेंटर को तरजीह
खेलो इंडिया के अलावा खेल मंत्रालय ने खेलों के बजट में नई दिल्ली स्थित इंदिरागांधी स्टेडियम में बनाए जाने वाले नेशनल सेंटर फोर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च को प्रमुखता से जगह दी है। इस शोध संस्थान के लिए 75 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं जो पिछले वर्ष के मुकाबले 50 करोड़ अधिक हैं। 
साई और खेल संघों के पल्ले खास नहीं
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के हिस्से में 500 करोड़ और खेल संघों के खाते में 245 करोड़ रुपये आए हैं। हालांकि इस साल के संशोधित बजट में साई के हिस्से में 615 करोड़ और खेल संघों के हिस्से में संशोधित बजट में 300.85 करोड़ आए थे। ऐसे में खिलाड़ियों की तैयारियों के लिए जिम्मेदार साई और खेल संघों के पल्ले खास कुछ नहीं पड़ा।
एनडीटीएल का बजट घटा
इस बार के बजट में वाडा से प्रतिबंधित एनडीटीएल को नुकसान उठाना पड़ा है। उसका बजट 7.5 करोड़ से 2.5 करोड़ कर दिया गया है। वहीं नाडा का बजट 7.5 से बढ़ाकर 12.5 करोड़ कर दिया गया है। इसका कारण ओलंपिक की तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों का डोप टेस्टिंग कतर की दोहा लैब से कराने के चलते बढ़ा हुआ खर्च है।   

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