टोक्यो ओलंपिक 2020: पहली बार मशाल में होगा हाइड्रोजन का इस्तेमाल

जापान में होने वाले टोक्यो ओलंपिक 2020 और पैरा ओलंपिक की टॉर्च में पहली बार हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा। सोमवार को आयोजनकर्ताओं ने ऐलान किया कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में कोशिश होगी कि इन्हें पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार होगा कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित ईंधन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

आयोजकों का लक्ष्य है कि खेलों के दौरान उत्पन्न सभी कार्बन उत्सर्जकों का हटाया जाए। इसी के साथ जापान में पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए ओलंपिक गेम्स का इस्तेमाल किया जाएगा। जापान के मेइनिची शिमबुन की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले ओलंपिक की मशाल में आमतौर पर प्रोपेन गैस यानी द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस का प्रयोग करते थे। इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक आयोजन कमेटी हाइड्रोजन के प्रयोग से विश्व को हाइड्रोजन ईंधन देने वाले वाहन आदि जापान की तकनीक का प्रसार भी करना चाहती है।

टोक्यो 2020 की आयोजक समिति ने कहा, 'टॉर्च रिले के कुछ चरणों में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएग। जब इसे जलाया जाएगा तो कार्बन का उत्सर्जन नहीं होगा।'  हाइड्रोजन का इस्तेमाल फुकुशिमा और आइची में अपनी यात्रा के दौरान टॉर्च में होगा। साथ ही टोक्यो और कुछ अन्य चरणों में भी रिले के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि 2020 टोक्यो ओलंपिक की मशाल इस साल के 12 मार्च को ग्रीस में करीब 10 दिनों की मशाल रिले को समाप्त करने के बाद विमान से जापान को सौंपी जाएगी, फिर 26 मार्च से जापान में मशाल रिले किया जाएगा। 24 जुलाई को टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में प्रमुख मशाल जलाई जाएगी।

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