महिला खिलाड़ियों के लिए नजीर हैं सानिया मिर्जा

खेल की दुनिया में महिला खिलाड़ी का नाम कमाना और फिर कॅरिअर की ऊंचाइयों पर होते हुए विवाह के बाद गुमनामी के अंधेरों में खो जाना, ऐसे किस्से अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। कुछ ने वापसी की कोशिश भी की पर वह सुखद नहीं रही। मगर उन महिला खिलाड़ियों के जज्बे को सलाम, जो मां बनने के बाद अपने पारिवारिक दायित्व निभाते हुए भी अपने जुनून, अपने ‘पहले प्यार’ के लिए फिर से खुद को तैयार करती हैं और दोबारा खेल के सर्वोच्च स्तर पर विजय पताका फहराती हैं।
इसके लिए दोबारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिटनेस पाने के लिए जो मेहनत चाहिए, वह विरले खिलाड़ी ही कर सकते हैं। हम बात कर रहे हैं भारत की नंबर वन और विश्व की नंबर वन युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा की। इस नाम से सभी वाकिफ तो हैं मगर पिछले 2 वर्ष से टेनिस सर्किट से बाहर रहने के बाद लोगों के ज़हन से यह नाम उतरने लगा था। सानिया मिर्जा 2018 में मां बनीं और इसके साथ ही प्राथमिकताएं भी बदल चुकी थीं। एक जाने-माने शायर की नज़र से देखा जाये तो सानिया ‘इक शाख से घना दरख्त हो गयी थी, जिसकी छाया में बस सुकून था।’
मातृत्व का दायित्व निभाते-निभाते सानिया ने अचानक इस वर्ष टेनिस कोर्ट में वापसी की घोषणा कर डाली। खेल विशेषज्ञों के मन में शंका थी, सानिया 2 साल तक कोर्ट से दूर रहने के बाद वापस अपने उसी स्तर का खेल दिखा पायेगी या उसकी फिटनेस उसे धोखा दे देगी। एेसी अटकलों के बीच जब 33 वर्षीय सानिया ने होबार्ट इंटरनेशनल टूर्नामेंट में युगल खिताब अपने नाम किया तो सारी अकटलों पर विराम लग गया। सानिया ने यूक्रेन की केचोनोक के साथ मिलकर चीनी जोड़ी-शुहाई पेंग, शुहाई सांग के विरुद्ध करीब 1 घंटा 21 मिनट कोर्ट में शानदार खेल दिखाया और 6-4, 6-4 से सीधे सेटों में फाइनल अपने नाम किया। टेनिस कोर्ट में उनकी चपलता उनकी शानदारी वापसी का शंखनाद कर रही थी। 2 साल टेनिस से दूर रहने के बाद भी मैच जीतने की भूख कहीं कम नहीं हुई थी। सानिया ने अपनी इस जीत को अपने बेटे को समर्पित किया।
पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से विवाह के उपरांत 2018 में बेटे इज़हान को जन्म देने के बाद इस माह दोबारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 6 बार की ग्रैंडस्लैम विजेता सानिया ने ग़ज़ब की फिटनेस दिखाई। बीते कुछ समय में भारत की जिन 3 महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वापसी की है, उनके परिणाम सुखद ही आये हैं। मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम मां बनने के बाद फिर रिंग में उतरी और विश्व चैंपियन बनीं। शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हंपी ने भी रैपिड शतरंज का विश्व खिताब जीता और अब टेनिस में महिला युगल और मिश्रित युगल में कई ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम कर चुकीं सानिया मिर्जा ने आस्ट्रेलिया में होबार्ट टेनिस का युगल खिताब जीतकर अपनी वापसी को यादगार बना लिया। सानिया विश्व की तीसरी टेनिस खिलाड़ी हैं जो मां बनने के बाद कोर्ट पर उतरी हैं। अमेरिका की सेरेना विलियम्स और स्पेन की किम क्लिस्टर्स ने इससे पहले वापसी की थी।
सानिया मिर्जा शुरू से ही एक ‘फाइटर’ रही हैं, इस मिजाज़ के कारण विवादों से उनका पुराना नाता भी रहा है। चाहे वह उनके खिलाफ मौलाना का फतवा हो या पाकिस्तानी क्रिकेटर से विवाह करने के निर्णय पर हो-हल्ला हो। सानिया ने जो ठान लिया… वह पूरा किया। कोर्ट में वापसी भी उसी ‘जिद’ का एक सबूत था।
15 नवंबर, 1986 को मुंबई में खेल पत्रकार इमरान मिर्जा और नसीमा के घर जन्मी सानिया ने हैदराबाद आकर 6 वर्ष की उम्र में ही निज़ाम क्लब, हैदराबाद में टेनिस का रैकेट थामा और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके पिता ही उनके मार्गदर्शक बने। वर्ष 1999 में पहली बार विश्व जूनियर टेनिस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। बस फिर क्या था, 2005 में वह पल यादगार बना जब वाइल्ड कार्ड एंट्री मिलने के बाद सानिया ने विम्बलडन का खिताब जीता। 2009 में ग्रैंडस्लैम जीतने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बनी।
वर्ष 2005 में टाइम्स पत्रिका ने सानिया को एशिया के 50 नायकों में जगह दी। वह वर्ष 2013 में सबसे सफल भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी रहते हुए सिंगल्स मुकाबले से रिटायर हो गईं। सानिया की उपलब्धियों के लिये उन्हें पद‍्मश्री, पद‍्मभूषण, राजीव गांधी खेलरत्न अवॉर्ड से भी अलंकृत किया गया। इस समय वह तेलंगाना राज्य की ब्रैंड अंबेसडर भी हैं।

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