होलकर स्टेडियम में कभी नहीं हारा भारत

खेलपथ प्रतिनिधि
इंदौर। गुवाहाटी में पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ने के बाद भारतीय टीम अब मंगलवार (7 जनवरी) को उस होलकर स्टेडियम में श्रीलंका सामना करने के लिए उतरेगी, जिसमें अभी तक वह अजेय रही है। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के करीब 27,000 दर्शकों की क्षमता वाले होलकर स्टेडियम में वर्ष 2006 से लेकर अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो टेस्ट मैच, एक टी-20 मुकाबला और पांच एक वनडे मैच आयोजित किए गए हैं। तीनों प्रारुपों के इन सभी आठ मैचों में भारत ने विपक्षी टीमों पर विजय हासिल की है।
भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को खेला जाना वाला मैच होलकर स्टेडियम के इतिहास का दूसरा टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला होगा। इस मुकाबले के लिए दोनों टीमें गुवाहाटी से सोमवार शाम इंदौर पहुंच चुकी हैं। वैसे संयोग की बात है कि इस मैदान पर पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला भी भारत और श्रीलंका के बीच 22 दिसंबर 2017 को खेला गया था। 
भारतीय क्रिकेट टीम ने इस मुकाबले में श्रीलंका पर 88 रन से विजय दर्ज की थी। उस मैच में रोहित शर्मा ने शतक जमाया था और भारत को टी-20 के अपने सर्वोच्च स्कोर 260 रनों तक पहुंचा दिया था। श्रीलंकाई गेंदबाजी की धुनाई करते हुए रोहित ने अपनी आतिशी पारी में मात्र 35 गेंदों में शतक जड़ दिया था। इस शतक के साथ ही उन्होंने टी-20 इंटरनेशनल में सबसे तेज सेंचुरी बनाने वाले डेविड मिलर की बराबरी की थी। यह समूचे मध्य प्रदेश के क्रिकेट इतिहास का पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी था। 
इंदौर की विकेट भी बल्लेबाजों की मददगार मानी जाती है। इस सीरीज में रोहित शर्मा को आराम दिया गया है, लेकिन धवन और उनके सलामी जोड़़ीदार लोकेश राहुल भी बड़ा स्कोर करने का माद्दा रखते हैं। वहीं, कप्तान विराट कोहली भी किसी लिहाज से पीछे रहने वाले नहीं है। 
होलकर स्टेडियम बनने से पहले शहर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले नेहरू स्टेडियम में खेले जाते थे। नेहरू स्टेडियम के साथ भारत और श्रीलंका की क्रिकेट टीमों की 22 साल पुरानी बुरी याद भी जुड़ी है। अर्जुन रणातुंगा की कप्तानी वाली श्रीलंकाई टीम भारत के खिलाफ 25 दिसंबर 1997 को आयोजित वनडे मैच खेलने नेहरू स्टेडियम पहुंची थी। श्रीलंका की बल्लेबाजी से मैच की शुरुआत हुई थी।
हालांकि, मेहमान टीम ने शुरुआती तीन ओवर के बाद ही नेहरू स्टेडियम की पिच को खराब बताते हुए इस पर खेलने से इंकार कर दिया था। इसके बाद रणतुंगा ने तत्कालीन भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर से पिच को लेकर चर्चा की थी। दोनों कप्तानों की सहमति से मैच रद्द कर दिया गया।
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