स्थगित नहीं होगा सुशील के वर्ग का ट्रायल : डब्ल्यूएफआई

चोटिल सुशील कुमार के पुरुषों के 74 किग्रा फ्रीस्टाइल के ट्रायल्स टालने के आग्रह के बावजूद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने इस वर्ग के ट्रायल्स भी पूर्व कार्यक्रम के अनुसार करवाने का फैसला किया है। इस स्टार पहलवान को हालांकि मार्च में टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने का मौका मिल सकता है।
अपने करियर को पुनर्जीवित करने के लिये संघर्षरत सुशील हाथ में चोट के कारण शुक्रवार को होने वाले ट्रायल्स से हट गये हैं और उन्होंने अपने वर्ग के ट्रायल्स को टालने का आग्रह किया। ट्रायल्स का विजेता रोम में 15 से 18 जनवरी के बीच होने वाले पहले रैकिंग सीरीज टूर्नामेंट, नयी दिल्ली में 18 से 23 फरवरी के बीच होने वाली एशियाई चैंपियनशिप और चीन के झियान में 27 से 29 मार्च के बीच होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में जगह मिलेगी।
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सभी वर्गों (पुरुष फ्रीस्टाइल में 5 और ग्रीको रोमन में 6) में आयोजित किये जाएंगे। सिंह ने कहा, ‘निश्चित तौर पर ट्रायल्स टाले नहीं जाएंगे। हमारे पास 74 किग्रा में लड़ने वाले पहलवान हैं। सुशील अगर चोटिल हो गया तो हम क्या कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम रैंकिंग सीरीज में 74 किग्रा के विजेता का प्रदर्शन देखेंगे। इसके बाद ही हम अगले कदम पर फैसला करेंगे।’

पुरुष फ्रीस्टाइल में रवि दहिया (57 किग्रा), बजरंग (65 किग्रा) और दीपक पूनिया (86 किग्रा) जबकि महिला वर्ग में विनेश फोगाट (53 किग्रा) ने नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिये कोटा हासिल किया था। रवि, दीपक और विनेश को ट्रायल्स में भाग लेने के लिये कहा गया है। इन वर्गों के लिये मुकाबला केवल रोम और नयी दिल्ली प्रतियोगिताओं के लिये होगा।

कई बार आप जीतते हैं तो कई बार सीखते हैं
नयी दिल्ली (एजेंसी) : राजनीति की रिंग में करियर की नयी पारी का पदार्पण कर चुके विजेंदर सिंह पिछले 5 साल में पेशेवर मुक्केबाजी का कोई भी मुकाबला नहीं हारे और अब विश्व खिताब के साथ इस लय को कायम रखना चाहते हैं। भारत को मुक्केबाजी और विश्व चैम्पियनशिप में ओलंपिक का पहला पदक दिलाने वाले विजेंदर का पेशेवर सर्किट पर 12-0 का रिकार्ड है। उन्होंने कहा, ‘अब मेरी सारी तैयारी विश्व खिताब की है। मैं इस साल 3-4 मुकाबले लड़ूंगा जिनमें विश्व खिताब बड़ा है। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह मुकाबला भारत में हो।’ राजनीति से जुड़ने के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ,‘कई बार आप जीतते हैं और कई बार आप सीखते हैं। यह जीवन की सच्चाइयों से जुड़े रहने का अद्भुत रास्ता है । सिर्फ एक चुनाव हारने से मुझे इस पर मलाल क्यो होगा।’
कहा गया तो जरूर करूंगा प्रचार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये प्रचार के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता। यदि मुझसे कहा गया तो जरूर करूंगा। यह पार्टी आलाकमान को तय करना है। अभी मुझसे कोई बात नहीं हुई है।’ राजनीति और खेलों को अलग रखने की बात अक्सर की जाती है लेकिन पिछले कुछ समय से यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि ज्वलंत मुद्दों पर खिलाड़ियों को भी बोलना चाहिये। विजेंदर ने कहा कि लोग अगर चाहते हैं कि उनके नायक अपनी राय सार्वजनिक तौर पर रखें तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

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