लड़कों संग अभ्यास कर रही हैं दुती चंद

टोक्यो ओलम्पिक का टिकट हासिल करने की कवायद
खेलपथ प्रतिनिधि
भुवनेश्वर।
देश की सर्वश्रेष्ठ फर्राटा धावक दुती चंद टोक्यो ओलम्पिक में शिरकत करने को इन दिनों लड़कों संघ दौड़ लगा रही हैं। उन्हें विश्वास है कि वह टोक्यो का टिकट जरूर हासिल कर लेंगी। अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए लड़कियों का लड़कों संग अभ्यास करना एक अच्छा फैसला है। महिला पहलवान प्रायः ऐसा करती हैं। अपने बेबाक फैसलों से भारतीय समाज में अपनी अलग छवि बनाने वाली दुती चंद परम्पराओं से हटकर वाकई सराहनीय कार्य कर रही हैं। दूरभाष पर उन्होंने बताया कि ओलम्पिक के टिकट के लिए वह भुवनेश्वर में लड़कों के साथ अभ्यास कर रही हैं। नेशनल कैंप से हटकर दुती भुवनेश्वर में 100 मीटर में 10.8 से 10.9 सेकेंड का समय निकालने वाले दो लड़कों के साथ दौड़ लगा रही हैं।
दुती ने खुलासा किया कि वह अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए लड़कों के साथ 400 मीटर से एक किलोमीटर की दौड़ भी लगा रही हैं। दुती के मुताबिक टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए 11.15 सेकेंड का समय छूने के लिए उन्होंने पहली बार लड़कों के साथ ट्रेनिंग का रास्ता चुना है। कैंप में लड़कियों के साथ दौड़ लगाकर उन्हें यह समय छूने में मदद नहीं मिलती, लेकिन उन्हें लगता है कि लड़कों के साथ टक्कर लेकर वह अगले वर्ष ओलंपिक का टिकट जरूर हासिल कर लेंगी।
दुती के मुताबिक उन्होंने ओलंपिक केलिए यह तैयारी राज्य सरकार की मदद से नवंबर माह में शुरू की है। हालांकि टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) ओलंपिक के लिए  खिलाडिय़ों की मदद केलिए है, लेकिन उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया तो राज्य सरकार उनकी मदद के लिए आगे आ गई। यही वजह है कि वह भुवनेश्वर में विशेषज्ञों की 10 सदस्यीय टीम के साथ तैयारियां कर रही हैं। राज्य मेंं उनके स्तर की अन्य कोई एथलीट नहीं है जिसके चलते उनके प्रस्ताव पर सरकार ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए लड़के उपलब्ध कराए हैं। 
दुती के मुताबिक उनके पास लड़कों के साथ दौड़ लगाने के अलावा कोई चारा नहीं था। अक्तूबर में उन्होंने 11.22 सेकेंड का समय निकाल राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया, लेकिन यह ओलंपिक क्वालिफिकेशन 11.15 सेकेंड से कम है। अपने समय में .07 सेकेंड का सुधार करने के लिए अपने से बेहतर समय निकालने वालों के साथ दौडना जरूरी था। कैंप में ऐसा नहीं हो सकता था। यही वजह है उन्होंने फेडरेशन से विशेष अनुमति लेकर भुवनेश्वर को ट्रेनिंग के लिए चुना। वह लड़कों के साथ 100 और 200 मीटर की स्प्रिंट लगाती हैं। इसके अलावा 400 मीटर और एक किलोमीटर की रेस भी लगाती हैं।
अगले दो माह तक वह इसी तरह लड़कों के साथ तैयारी जारी रखेंगी। उसके बाद वह ओलंपिक टिकट के लिए कंपटीशनों में उतरेंगी। उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह रियो ओलंपिक के लिए अंतिम क्षणों में उन्होंने क्वालीफाई किया था, इस बार भी वह इन विशेष तैयारियों से ओलंपिक टिकट हासिल करने में सफल रहेंगी। 
चाहे गीता फोगाट हों या फिर टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों में जुटीं विनेश फोगाट या ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, इन सभी ने पदक के लिए पुरुषों से दो-दो हाथ किए। जिससे इन्हें अपना प्रदर्शन सुधारने में मदद मिली।

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