जामिया ने देश को दिए हैं कई बड़े सितारे

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली का केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर काफी चर्चा में है। नए कानून के विरोध में जामिया इलाके में पुलिस के साथ हुई झड़प और तोड़फोड़ के बाद से विश्वविद्यालय का नाम भी खूब उछाला जा रहा है और बतौर प्रशासन ये कैंपस को बदनाम करने की कोशिश है।
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि जामिया ने देश को अलग-अलग क्षेत्रों में एक से बढ़कर एक प्रतिष्ठित लोग दिए हैं जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है और उसे ऊंचाइयों पर ले गए हैं।  खेल की दुनिया में भी कई खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी है और अपने क्षेत्र में झंडे गाड़े हैं, ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं 30 साल से भी पुराने जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के उन खास खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों पर।
वीरेंद्र सहवाग:
भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी और विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दुनियाभर में बतौर ओपनर अपनी छाप छोड़ी। टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरा शतक लगाने वाले एकलौते भारतीय और वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय सहवाग ने विश्व क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। मौजूद समय में कमेंटेटर और मेंटर की भूमिका निभाने वाले सहवाग ने जामिया से ही अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी।
सरप्रीत सिंह:
न्यूजीलैंड में जन्में भारतीय मूल के फुटबॉलर सरप्रीत सिंह बुंडेसलीगा फुटबॉल लीग में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बन चुके हैं। उन्होंने रविवार, 15 दिसंबर को ही बेयर्न म्यूनिख की तरफ से टूर्नामेंट में डेब्यू किया। मिडफिल्डर सरप्रीत ने जामिया से अपनी पढाई पूरी की थी।
गगन अजित सिंह:
भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी गगन अजित सिंह ने भी जामिया से पढाई पूरी की थी। भारतीय हॉकी में स्ट्राइकर की भूमिका में रहे गगन ने साल 2000 और 2004 में ओलंपिक में भी भाग लिया था। स्टार हॉकी खिलाड़ी गगन ने भी जामिया से ही अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी।
नितिन कुमार:
भारत की तरफ से खेलने वाले पेशेवर डार्ट खिलाड़ी नितिन ने कई विश्वस्तरीय टूर्नामेंट में भाग लिया है। उन्होंने वर्ल्ड कप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। नितिन ने भी अपनी पढाई जामिया मिलिया से ही पूरी की थी। इन खिलाड़ियों के अलावा बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, मीडिया एंकर अंजना ओम कश्यप, बरखा दत्त, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी जैसे दिग्गज भी इसी विश्वविद्यालय से निकले हैं।
क्या है पूरा मामला:
केंद्र सरकार द्वारा दोनों सदनों और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नागरिकता संशोधन बिल को कानून का रूप दे दिया गया। हालांकि इसके बाद कानून के विरोध में पूर्वोत्तर से शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन देशभर में फैल गया और हिंसक होता गया। इसी मामले में अचानक से जामिया मिलिया भी चर्चा में तब आ गया जब वहां के टीचर्स एसोसिएशन और कुछ छात्र संगठनों ने CAA का विरोध करना शुरू कर दिया। देखते-देखते शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ मामला उग्र हो गया और आगजनी के साथ तोड़फोड़ शुरू हो गयी। इसके बाद रविवार को मामला और खराब हो गया जब दिल्ली पुलिस की प्रदर्शनकारियों और कैंपस के छात्रों के साथ झड़प हो गई। 
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