हम नकद पुरस्कार नीति बनाएंगेः किरण रिजिजू

नकद पुरस्कार से सम्मानित हुए दक्षिण एशियाई खेलों के पदक विजेता
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। खेल मंत्री किरण रिजिजू ने नेपाल में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीतने वालों को नकद पुरस्कार प्रदान किए। सैग खेल मंगलवार को समाप्त हुए जिसमें भारत लगातार 13वीं बार शीर्ष पर रहा। भारत ने 174 स्वर्ण, 93 रजत और 45 कांस्य समेत 312 पदक जीते। स्वर्ण पदक विजेताओं को डेढ लाख रूपये, रजत पदक जीतने वालों को एक लाख और कांस्य पदक के लिए 50000 रूपये दिए गए। रिजिजू ने पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, हम आने वाले समय में दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीतने वालों के लिये नकद पुरस्कार नीति बनाएंगे जैसे ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए है।
'निशानेबाज रवि कुमार और मुक्केबाज सुमित सांगवान के डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'डोपिंग पूरी दुनिया में एक गंभीर मसला है। खेल साफ सुथरे और पारदर्शी होने चाहिए। हम डोपिंग को लेकर जागरूकता बढाने की कोशिश कर रहे हैं।'उन्होंने कहा, 'सूचना के अभाव में खिलाड़ियों को गुमराह नहीं होना चाहिये । हम हर खिलाड़ी को जागरूक बनाना चाहते हैं ताकि वह डोपिंग के जाल में नहीं फंसे।'खेल मंत्री किरण रिजिजू को टोक्यो ओलंपिक में देश के खिलाड़ियों से अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद है लेकिन उन्होंने चेताया कि अगर 2028 खेलों में भारत अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहा तो इसके लिए सभी हितधारक दोषी होंगे। रिजिजू  ने कहा कि भारत की लास एंजिलिस ओलंपिक की सर्वश्रेष्ठ तैयारी के लिए आठ साल का समय पर्याप्त होना चाहिए। 
रिजिजू ने फिक्की के 'टर्फ 2019' वैश्विक खेल सम्मेलन के दौरान कहा, 'अगर हम इतने समय बाद (2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक) होने वाली चीज के लिए भी खुद को तैयार नहीं कर सकते तो फिर नीति तैयार करने, दिशा निर्धारण करने और संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर हमें स्वयं को ही दोष देना होगा। समय हमारे पक्ष में है और हमें सुनिश्चित करना होगा कि भारत ऐसा देश नहीं रहे जिसे ओलंपिक में गंभीरता से नहीं लिया जाए। अगर हम पदक नहीं जीतते तो निश्चित तौर पर देश के खेल मंत्री के रूप में मैं संतुष्ट नहीं रहूंगा।'
खेल मंत्री ने कहा कि अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक तत्काल लक्ष्य है लेकिन भविष्य की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत है। रिजिजू ने कहा, 'मौजूदा प्रतिभा के साथ टोक्यो हमारा तत्काल लक्ष्य है। हम रातोंरात चैंपियन तैयार नहीं कर सकते। एक या दो साल में विश्व चैंपियन तैयार करना संभव नहीं है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि पूरा बुनियादी ढांचा तैयार हो।'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास मौजूदा प्रतिभा है और हमें इसका सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करना होगा। मैं उम्मीद करता हूं कि टोक्यो 2020 ओलंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए भारत के पास अच्छा मंच होगा लेकिन हमारी सीमाएं हैं। हालांकि 2024 पेरिस और विशेषकर 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने से हमें कोई नहीं रोक सकता जो अभी आठ साल से अधिक समय दूर है।'
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