रूस के प्रतिबंध का भारत को मिल सकता है फायदा

नई दिल्ली। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। अब रूस अगले चार साल तक किसी भी प्रकार के मुख्य खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पाएगा। रूस पर इस प्रतिबंध सबसे बड़ा असर यह पड़ेगा कि वह टोक्यो में होने जा रहे आगामी ओलंपिक 2020 और कतर में होने वाले फुटबॉल विश्व कप 2022 से भी बाहर हो गया है।
हालांकि रूस वाडा के इस बैन के खिलाफ रूस अगले 21 दिन के भीतर अपील कर सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो मामला खेल पंचाट को भेजा जाएगा। अगर रूस पर बैन बरकरार रहा और उसके खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में भाग नहीं लेते हैं, तो भारतीय खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक में पदक जीतने की संभावनाएं और अधिक हो जाएंगी।
भारतीय एथलीटों के लिहाज से देखें तो रूस के ओलंपिक से बाहर होने का सबसे अधिक फायदा भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया उठा सकते हैं। विश्व चैंपियन गदजिमुरद रशीदोव और रियो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले सोसलान रोमानोव टोक्यो ओलंपिक में भाग नहीं ले पाएंगे। रूस के दोनों पहलवानों के ओंलपिक रिंग में नहीं होने से पूनिया के मेडल जीतने की राह आसान हो जाएगी।
पूनिया के अलावा 57 किलो वर्ग में लड़ने वाले भारतीय पहलवान रवि कुमार के लिए भी इस कैटेगरी में गोल्ड जीतने का मौका होगा। क्योंकि रूस के पहलवान जउर उगउव, जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था, वे भी रिंग में नहीं उतर पाएंगे।
मुक्केबाजी में भारतीय मुक्केबाज मनीष कौशिक को फायदा मिल सकता है, अगर रूस के मुक्केबाज इला पोपोव मुक्केबाजी के रिंग में नहीं उतरते हैं। भारतीय महिला मुक्केबाज मैरीकॉम को भी लिलिया एतबेवा की गैरमौजूदगी का फायदा मिलेगा।

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