एशियन चैंपियनशिप के टीम इवेंट में काजल सैनी ने जीता गोल्ड

रोहतक की बेटी राइफल शूटर काजल सैनी ने दोहा, कतर में चल रही 14वीं एशियन चैंपियनशिप में शुक्रवार को प्रोन पोजीशन के टीम इवेंट में गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन किया। भारत में तीसरी रैंक प्राप्त काजल का यह पहला इंटरनेशनल मेडल है।
उनकी कामयाबी की सूचना मिलते ही काजल के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। काजल के पिता विजय सैनी ने कहा कि बेटी के मेडल जीतने का उन्हें पूरा भरोसा था क्योंकि पिछले कई चैंपियनशिप में वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करती आ रही थी। माता सुनीता सैनी ने कहा कि काजल की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर बेटियों को भी बेटों की भांति अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका प्रदान किया जाये तो वे हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकती है। अब उन्हें काजल के घर लौटने का बेसब्री से इंतजार है। 76 वर्षीय दादा चंद्रप्रकाश तथा दादी अंगूरी देवी ने कहा कि काजल ने परिजनों का तो सिर गर्व से ऊंचा किया ही है, साथ ही देश का लोहा भी इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर मनवाया है।
कोच मनोज कुमार ने बताया कि काजल ने पिछले 2 वर्षों से नेशनल चैंपियनशिप के राइफल शूटिंग इवेंट के सीनियर वर्ग में हरियाणा की ओर से सर्वाधिक मेडल जीते हैं। काजल ने नवंबर 2018 में केरल में हुई 62वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए हरियाणा के लिए 6 मेडल जीत थे। इनमें 3 गोल्ड, एक सिल्वर व 2 ब्रांज शामिल थे। इससे पहले दिसंबर 2017 में हुई नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में भी काजल ने एक गोल्ड व 2 कांस्य पदक जीते थे।
चिंकी यादव ने भारत को दिलवाया 11वां ओलंपिक कोटा
दोहा (भाषा) : चिंकी यादव ने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ क्वालीफिकेशन स्कोर 588 अंक से निशानेबाजी में भारत को 11वां ओलंपिक कोटा दिलाया लेकिन वह शुक्रवार को यहां 14वीं एशियाई चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत सकीं। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की रजत और जूनियर विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदकधारी निशानेबाज हालांकि फाइनल में क्वालीफिकेशन जैसा प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा फाइनल में 116 अंक के स्कोर से छठा स्थान ही हासिल कर पायीं। मध्यप्रदेश सरकार के भोपाल में खेल विभाग में इलेक्ट्रीशियन की बेटी चिंकी ने क्वालीफिकेशन में 588 अंक बनाये जिसमें एक ‘परफेक्ट 100’ भी शामिल है। वह थाईलैंड की नेपहासवान यांगपाइबून (590) के बाद दूसरे स्थान पर रही। इस 21 वर्षीय निशानेबाज ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैं बयां नहीं कर सकती कि मैं कितनी खुश हूं। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।’ फाइनल के लिये क्वालीफाई करने से ही चिंकी ने देश के लिये ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया क्योंकि 8 फाइनलिस्ट में से 4 ने पहले ही पूर्व प्रतियोगिताओं से कोटे हासिल कर लिये थे। भारत के लिये यह 25 मीटर पिस्टल में दूसरा ओलंपिक कोटा है। इससे पहले राही सरनोबत ने इस साल के शुरू में म्यूनिख में विश्वकप में पहला कोटा हासिल किया था।

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