आत्ममुग्धता से बचना होगा भारतीय हाकी खिलाड़ियों को

भारतीय पुरूष हाकी टीम को शुक्रवार को यहां निचली रैंकिंग की रूस की टीम के खिलाफ होने वाले दो चरण के ओलंपिक क्वालीफायर में आत्ममुग्धता से बचना होगा जबकि महिला टीम को अमेरिका की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। दोनों भारतीय टीमें तोक्यो ओलंपिक के लिये टिकट कटाने से महज 2 मैच दूर हैं। मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम को हालांकि 22 नंबर के रूस के रूप में आसान प्रतिद्वंद्वी से भिड़ना है जबकि महिलाओं को एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर के अंतिम दौर में अमेरिकी लड़कियों का सामना करना है। दोनों टीमें शुक्रवार और शनिवार को लगातार 2 मैच खेलेंगी। 2 मैचों के क्वालीफायर में विजेता (पुरूष और महिला टीम में से) 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिये अपना स्थान सुनिश्चित कर लेगा।

विश्व रैंकिंग में 5वें स्थान पर काबिज भारतीय टीम के रूस के खिलाफ आसान मुकाबले की उम्मीद है लेकिन कोच ग्राहम रीड इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि एक खराब दिन से भारत का ओलंपिक सपना टूट सकता है। इसलिये आत्ममुग्धता ऐसी चीज है जिससे भारतीय टीम को अगले 2 दिनों तक बचना होगा। सुरेंद्र कुमार और जूनियर विश्व कप विजेता टीम के सदस्य हरमनप्रीत सिंह की बदौलत हाल में भारतीय टीम का डिफेंस मजबूत दिखता है। वहीं बैकलाइन में रूपिंदर और बीरेंद्र लकड़ा की वापसी से मजबूती मिलेगी। मिडफील्ड में कप्तान मनप्रीत के साथ हार्दिक, नीलकांत शर्मा और विवेक सागर प्रसाद मौजूद होंगे जबकि गोल करने की जिम्मेदारी मंदीप सिंह, आकाशदीप सिंह, एसवी सुनील, रमनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और सिमरनजीत सिंह के कंधों पर होगी। अनुभवी पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक गोलकीपिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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