अपनी शक्ति व सहनशक्ति पर काम कर रहे हैं बॉक्सर अमित पंघल

विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने अमित पंघल की नजरें अब टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर लगी हैं। पंघल (52 किलोग्राम) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) ही दो ऐसे भारतीय मुक्केबाज हैं, जिन्होंने अब तक अगले साल फरवरी में होने वाले एशिया/ओसेनिया जोन क्वालीफायर्स के लिए क्वालीफाई किया है। यह टूर्नामेंट एक ओलंपिक क्वालीफायर टूर्नामेंट भी हैं। 

पंघल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिस पर उन्हें काम करने की जरूरत है। वह अब इंडियन बॉक्सिंग लीग में खेलने और अपने कौशल को बेहतर करने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, “तैयारियां अच्छी चल रही है। इंडियन बॉक्सिंग लीग में खेलकर मैं अधिक से अधिक अनुभव हासिल करना चाहूंगा। लेकिन, मुख्य चीज क्वालीफायर्स है।”

भारतीय मुक्केबाज ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में रियो ओलम्पिक-2016 में स्वर्ण जीतने वाले उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव से 0-5 से हार का सामना करने के दौरान साफ दिखा था कि उन्हें अपनी ताकत को बेहतर करने की जरूरत है। 

पंघल ने कहा, “मुझे लगता है कि अभी मुझे अपनी पॉवर पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है। मैं पहले 48 किग्रा वर्ग में खेलता था। अब मैंने 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया है। ऐसे में मुझे अब और पावर की जरूरत है। उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज काफी मजबूत हैं। विश्व चैंपियनशिप फाइनल में मेरा प्रतिद्वंद्वी ओलंपिक चैंपियन था। मैंने अपना शतप्रतिशत दिया, लेकिन अभी भी कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है।”

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