बीसीसीआई में भी खेलूंगा कप्तानी पारी : गांगुली

नव-नियुक्त बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बुधवार को भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल का वादा किया और कहा कि वह बोर्ड की अगुआई उसी तरह करेंगे जिस तरह से उन्होंने 2000 से 2005 तक भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट संस्था के शीर्ष पद पर निर्विरोध चुने जाने के बाद 47 साल के गांगुली ने संकेत दिया कि वह किसी से भी प्रभावित हुए बिना जिस तरह से चाहते हैं, उसी तरह बीसीसीआई का काम संभालेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 18,000 से ज्यादा रन बना चुके गांगुली ने कहा, ‘मैं उसी तरह काम करूंगा, जो मैं जानता हूं और जो मुझे लगता है कि बीसीसीआई के लिये सर्वश्रेष्ठ होगा और विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं होगा। भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल होगा और बीसीसीआई में सभी के लिये समान होगा।’

कप्तानी के दिनों को किया याद
गांगुली ने वह दौर याद किया जब वह टीम के कप्तान बने थे । उस समय मैच फिक्सिंग के कारण भारतीय क्रिकेट विवादों के घेरे में था जब गांगुली को इसे ढर्रे पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। मोहम्मद अजहरूद्दीन उस समय फिक्सिंग विवाद के केंद्र में थे और अब वह हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। दोनों पूर्व साथी खिलाड़ियों ने बुधवार की बैठक के बाद एक दूसरे को गले लगाया। गांगुली ने कहा, ‘यह इत्तेफाक की बात है कि जब मैं कप्तान बना तो ऐसे ही हालात थे और मैं 6 साल तक कप्तान रहा।’ उन्होंने कहा, ‘अभी भी हालात ऐसे ही हैं और चीजों को ढर्रे पर लाना है। सुधार करने होंगे। राज्य संघों को काफी पैसा देना है। काफी काम करना है।’

‘चीजें आसान करने आया  हूं, मुश्किल नहीं’
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को विराट कोहली को भारतीय क्रिकेट का सबसे अहम व्यक्ति करार दिया और कप्तान को सभी संभव समर्थन देने का वादा किया ताकि चीजें आसान हों, मुश्किल नहीं। बीसीसीआई अध्यक्ष पदभार संभालने के बाद गांगुली ने कहा कि वह बृहस्पतिवार को भारतीय कप्तान से बात करेंगे और आगे के बारे में चर्चा करेंगे।
गांगुली ने कहा कि वह टीम प्रबंधन के साथ भी बातचीत करेंगे जिसमें मुख्य कोच रवि शास्त्री शामिल हैं। ‘यह पूर्ण चर्चा होगी और हर चीज के बारे में परस्पर चर्चा होगी लेकिन आश्वस्त रहिये, हम यहां चीजें आसान करने के लिये हैं, मुश्किल करने के लिये नहीं। हर चीज प्रदर्शन के आधार पर होगी।’

टीम इंडिया का ब्लेजर पहनकर पहुंचे दादा
अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस में भारत का ब्लेजर पहनकर आये गांगुली ने कहा ,‘मुझे यह तब मिला था जब मैं भारत का कप्तान था लेकिन तब मुझे अहसास नहीं हुआ कि यह इतना ढीला है । लेकिन मैने तय किया कि मैं यही पहनूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने जिस तरह से भारत की अगुआई की थी, उसी तरह से बीसीसीआई का पद संभालूंगा।’ गांगुली ने करीब 11 साल पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। अपने संन्यास के बाद इस बार जब उन्हें बोर्ड की कमान मिली तो दादा ने इस खास मौके पर अपने उसी ब्लेजर को पहनना सही समझा, जिस पर उन्हें हमेशा नाज है।

अन्य पदाधिकारियों का परिचय
जय शाह (सचिव) : 31 वर्ष के जय बीसीसीआई के सबसे युवा पदाधिकारी हैं। गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय 2009 से गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े हैं। वह सितंबर 2013 में जीसीए के संयुक्त सचिव बने थे।
अरुण सिंह धूमल (कोषाध्यक्ष) : राजनीतिक परिवार से आये अरुण फिलहाल वित्त राज्यमंत्री हैं। ठाकुर को जनवरी 2017 में बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाया गया था। धूमल 2012 से 2015 के बीच हिमाचल क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष रहे जब ठाकुर इसके अध्यक्ष थे। वह बीसीसीआई में एचपीसीए के प्रतिनिधि रहे।
जयेश जार्ज (संयुक्त सचिव) : 50 वर्ष के जार्ज को क्रिकेट प्रशासन का बरसों का अनुभव है जो केरल क्रिकेट संघ के सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष रहे । वह 2005 से केसीए से जुड़े रहे हैं।
महीम वर्मा (उपाध्यक्ष) : उनके पिता पीसी वर्मा उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव रहे। महीम सीएयू के संयुक्त सचिव रहे हैं। सितंबर में उन्हें सचिव चुना गया जब संघ को बीसीसीआई से मान्यता मिली।

धोनी को मिलेगा पूरा सम्मान
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बुधवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर बात की जायेगी लेकिन 2 बार के विश्व कप विजेता कप्तान को पूरा सम्मान मिलेगा। गांगुली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि धोनी के जेहन में क्या है लेकिन उनके दर्जे के खिलाड़ी को पूरा सम्मान मिलेगा। धोनी ने विश्व कप सेमीफाइनल में भारत के बाहर होने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना रखी है जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। गांगुली ने बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ‘यह उन पर निर्भर करता है। जब मैं बाहर हुआ तो पूरी दुनिया ने कहा कि मैं कभी वापसी नहीं कर सकूंगा लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था। मैंने वापसी की और 4 साल तक खेला।’ उन्होंने कहा, ‘चैम्पियंस इतनी जल्दी खत्म नहीं होते। वह महान खिलाड़ियों में से एक है और भारत को गर्व है कि एम एस धोनी जैसा खिलाड़ी हमारे पास है । आप उसकी उपलब्धियों को देखें तो यही कहेंगे ‘वाह धोनी वाह।’

बीसीसीआई के अध्यक्षों की सूची
1- आर ई ग्रांट गोवन (1928-1933)
2-सर सिकंदर हयात खान (1933-1935)
3-नवाब हमीदुल्लाह खान (1935-1937)
4- के एस दिग्विजय सिंहजी (1937-1938)
5-पी सुब्ररायन (1938-1946)
6-एंथोनी एस डिमेलो (1946-1951)
7-जे सी मुखर्जी (1951-1954)
8-विजयनग्राम के महाराजकुमार (1954-1956)
9-सरदार एसएस मजीठिया (1956-1958)
10-आर के पटेल (1958-1960)
11. एम ए चिदंबरम (1960-1963)
12. महाराजा एफ गायकवाड़ (1963-1966)
13. जेड आर ईरानी (1966-1969)
14. ए एन घोष (1969-1972)
15. पी एम रूंगटा (1972-1975)
16. रामप्रकाश मेहरा (1975-1977)
17. एम चिन्नास्वामी (1977-1980)
18. एस के वानखेड़े (1980-1982)
19. एनकेपी साल्वे (1982-1985)
20. एस श्रीरामन (1985-1988)
21.बी एन दत्त (1988-1990)
22. माधवराव सिंधिया (1990-1993)
23. आई एस बिंद्रा (1993-1996)
24. राज सिंह डूंगरपुर (1996-1999)
25. ए सी मुथैया (1999-2001)
26. जगमोहन डालमिया (2001-2004)
27. रणबीर सिंह महेंद्र (2004-2005)
28. शरद पवार (2005-2008)
29. शशांक मनोहर (2008-2011)
30. एन श्रीनिवासन (2011-2013)
31. जगमोहन डालमिया (2013-2013)
32. एन श्रीनिवासन (2013-2014)
33.शिवलाल यादव (अंतरिम)(2014-2014)
34. सुनील गावस्कर (2014-2014)
35.जगमोहन डालमिया (2015-2015)
36. शशांक मनोहर (इस्तीफा) (2015-2016)
37. अनुराग ठाकुर (बर्खास्त) (2016-2017)
38. सी के खन्ना (अंतरिम) (2017-2019)
39. सौरव गांगुली (2019-वर्तमान)

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