भारतीय खेलनहारों की जय हो

तो नीरज नहीं खेल पाएंगे टोक्यो ओलम्पिक
श्रीप्रकाश शुक्ला
हमारे देश में खेल, खिलाड़ी और प्रशिक्षक नहीं एसोसिएशन के पदाधिकारी चलाते हैं। एसोसिएशन के खेलनहार जिसे चाहते हैं वही खेलता है, खिलाड़ी सिर्फ उनके हुक्म का गुलाम होता है। यह बात स्टार जैवलिन थ्रोवर के मामले से साफ समझी जा सकती है। नीरज चोपड़ा अब रांची में नहीं खेल पाएंगे क्योंकि इसकी पुष्टि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने कर दी है।
सुमरीवाला ने इसके पीछे तर्क दिया है कि नीरज टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फिट नहीं हैं। सुमरीवाला ने कहा, "नीरज ट्रेनिंग के लिए फिट हैं, लेकिन वह अभी टूर्नामेंट में खेलने के लिए फिट नहीं हैं।" एएफआई ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि नीरज चोट से वापसी कर चैम्पियनशिप में खेलने को तैयार हैं।
सुमरीवाला ने कहा, "वह ट्रेनिंग में सभी जरूरी चीजें कर रहे हैं जिसमें थ्रो, भार उठाना, फिजियोथैरेपी शामिल हैं, लेकिन उन्हें टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए अभी भी अपनी फिटनेस पर काम करना है।" अध्यक्ष ने कहा कि लोग नीरज पर गैरजरूरी दबाव बना रहे हैं। नीरज राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। नीरज ने अभी तक अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं किया है।
21 साल के नीरज को अपना नाम वापस लेने के लिए कहा गया, क्योंकि उनके प्रशिक्षकों को लगता है कि मई में हुई कोहनी की सर्जरी के बाद वे अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं। इसके उलट नीरज चोपड़ा और उनके डाक्टर्स की कही सच मानें तो नीरज खेलने को तैयार थे लेकिन उन्हें खेलनहारों ने नाम वापस लेने को मजबूर किया है। बकौल नीरज 'मैं दोबारा प्रतियोगिता में उतरना चाहता हूं। ये सीजन का आखिरी टूर्नामेंट है, इसलिए मैं इसमें खेलना चाहता हूं।
नीरज का कहना है कि मैंने अपने डॉक्टर्स से बात की है। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। कुछ सप्ताह पहले मैंने पटियाला में अभ्यास करना शुरू किया था और मेरी थ्रो अच्छी जा रही थी।’ चोपड़ा ने राष्ट्रमंडल खेलों और पिछले साल हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। पिछले साल 19 सितंबर को सर्विसेस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के बाद से ही उन्होंने किसी चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया है। चोट की वजह से ही वे पिछले महीने दोहा में हुई विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी नहीं खेल सके थे।
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