इंदरजीत पर लगा चार साल का प्रतिबंध

नाडा अपील पैनल के शॉटपुटर को बरी किए जाने के फैसले को पलटा
वर्ल्ड यूनिवर्सियाड और एशियाई चैंपियन शॉटपुटर इंदरजीत सिंह पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (कैस), लुजान (स्विटजरलैंड) ने वाडा की अपील स्वीकार करते हुए चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। कैस की ओर से दुर्लभ फैसले में नाडा अपील पैनल का भारतीय शॉटपुटर को बरी किए जाने का फैसला पलट दिया गया है।
इंदरजीत पर यह प्रतिबंध 26 सितंबर, 2019 से लागू होगा। हालांकि 25 जुलाई 2016 से 14 दिसंबर 2018 तक उनकी ओर से काटे गए प्रतिबंध को ताजा प्रतिबंध की अवधि में से घटा दिया जाएगा। कैस ने यह भी कहा है कि 22 जून 2016 से 25 जुलाई 2016 की अवधि के भी इंदरजीत ने जितने भी पदक, ईनामी राशि जीती हैं। उन सभी को वापस करना पड़ेगा।
इस साल की शुरूआत में वाडा ने नाडा अपील पैनल के इंदरजीत को बरी किए जाने के फैसले को कैस में चुनौती दी थी। वाडा ने अपील के लिए कैस के समक्ष निष्पक्ष मध्यस्थ को खड़ा किया जिनके तर्कों को कैस ने स्वीकार कर लिया।
वाडा ने इंदरजीत के वकील को सिर्फ यह साबित करने को कहा कि वह यह साबित करके दिखाएं कि, वाडा के नियम 2.1 के तहत खिलाड़ी के शरीर में प्रतिबंधित दवाओं के अंश कैसे पाए गए हैं। इंदरजीत के वकील की ओर से सैंपल से छेड़छाड़ किए जाने की बात कही गई, लेकिन इससे यह साबित नहीं हो पाया कि इंदरजीत के शरीर में प्रतिबंधित दवाएं कैसे पाई गईं।
नाडा के हियरिंग पैनल ने भी इसी नियम के तहत इंदरजीत पर चार साल का प्रतिबंध लगाया था। जिसे इंदरजीत ने नाडा अपील पैनल में चुनौती दी थी। नाडा अपील पैनल ने इस मामले की प्रक्रिया में कई खामियां पाईं। इसी का लाभ देते हुए इंदरजीत को बरी कर दिया गया।
रियो ओलंपिक से पहले डोप में फंसे इंदरजीत ने तर्क दिया था कि उनके सैंपल की मात्रा एनडीटीएल पहुंचते-पहुंचते काफी कम रह गई थी, लेकिन वाडा की ओर से कहा गया कि जितना मात्रा पहुंची टेस्टिंग केलिए काफी थी।
शॉटपुटर, नाडा को देना होगा हर्जाना
कैस ने आदेश में यह भी कहा है कि कानूनी प्रक्रिया में हुए खर्च के लिए नाडा और शॉटपुटर इंदरजीत सिंह को हर्जाने के रूप में तीन-तीन हजार स्विस फ्रेंक भी देने होंगे।
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