ओलंपिक पदक भी नहीं भर सकता सेमीफाइनल की हार का ज़ख्म : बजरंग

भारत के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हाल ही संपन्न हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में विवादित तरीके से मिली हार के दुख को ओलंपिक पदक भी पूरा नहीं कर सकता। पिछले विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले हरियाणा के 25 साल के इस पहलवान ने इस बार कांस्य पदक हासिल किया। बजरंग स्थानीय पहलवान दौलत नियाजबेकोव से सेमीफाइनल मुकाबला विवादास्पद परिस्थितियों में हार गये थे। दोनों पहलवान 9-9 की बराबरी पर थे जिसके बाद नियाजबेकोव को फाइनल खेलने का मौका मिला और भारतीय खिलाड़ी को कांस्य पदक का मुकाबला खेलना पड़ा।

बजरंग ने कहा, ‘जब आप पक्षपातपूर्ण फैसले के कारण हारते हैं तो यह आपके लिए निराशाजनक बात होती है क्योंकि कोई बेइमानी से जीत रहा होता है। मैं अपनी गलती से स्वर्ण जीतने से नहीं चूका।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है मुझे इस हार को भूल कर आगे बढ़ना होगा। मुझे भविष्य के टूर्नामेंटों में इसे भूलकर उतरना होगा लेकिन यह मुश्किल होगा।’ बजरंग ने कहा, ‘विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक 2 अलग-अलग खेल हैं और ओलंपिक में पदक जीतकर भी मैं इसे नहीं भुला पाऊंगा।’ विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले 20 साल के दीपक पूनिया (86 किग्रा) ने कहा कि उन्हें चोट से उबरने में 18-20 दिन का समय लगेगा। एक महीने के अंदर जूनियर और सीनियर विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाल इस खिलाड़ी ने कहा, ‘अब मुझे अपनी तकनीक पर काम करना होगा। मेरे पास अनुभव की कमी थी क्योंकि यह मेरी पहला विश्व चैम्पियनशिप थी। अब मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा जो बेहतर प्रदर्शन में मदद करेगा।’

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