बजरंग पूनिया की विवादास्पद हार

ओलम्पिक के लिये किया क्वालीफाई 

बजरंग पूनिया टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के बाद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में आज यहां स्थानीय पहलवान दौलत नियाजबेकोव से सेमीफाइनल मुकाबला विवादास्पद परिस्थितियों में हार गये। बजरंग के अलावा रवि दहिया ने भी सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो का टिकट कटाया लेकिन वह भी यहां से आगे नहीं बढ़ पाये। बजरंग के मुकाबले में उनके कोच शाको बैनिटिडिस रेफरी के फैसलों से गुस्से में आ गये थे। उन्होंने 65 किलोग्राम के मुकाबले में पक्षपातपूर्ण अंपायरिंग का विरोध किया। 6 मिनट तक चला तनावपूर्ण मुकाबला 9-9 से बराबरी पर छूटा लेकिन नियाजबेकोव ने मुकाबले में बजरंग को बाहर करके एक बार में सर्वाधिक 4 अंक बनाये थे इसलिए उन्हें विजेता घोषित किया गया। इस विवादास्पद मुकाबले में नियाजबेकोव काफी थक गये थे लेकिन रेफरी ने उन्हें उबरने का पूरा मौका दिया। इसके अलावा कम से कम तीन अवसरों पर उन्हें चेतावनी नहीं दी गयी। इसके बजाय स्थानीय पहलवान को चार अंक दे दिये गये जबकि साफ दिख रहा था कि इस ‘थ्रो’ में बजरंग की भूमिका अहम थी और उन्हें ये 4 अंक मिलने चाहिए थे। कोच बैनिटिडिस ने कहा, ‘मैंने इसे चुनौती दी और उन्हें इसके लिये कम से कम 2 अंक बजरंग को देने चाहिए थे।’ बजरंग ने कई अवसरों पर अपनी निराशा भी दिखायी लेकिन इससे कोई फायदा नहीं मिला। बजरंग अब शुक्रवार को कांस्य पदक के लिये भिड़ेगाा। सेमीफाइनल तक की राह में कुछ चोटी के पहलवानों को हराने वाले रवि दहिया 57 किग्रा के सेमीफाइनल में रूस के मौजूदा विश्व चैंपियन जौर उगएव से 4-6 से हारे। उन्हें अब कांस्य के लिये भिड़ना होगा। बजरंग ने 65 किग्रा में आसान ड्रा का पूरा फायदा उठाकर एक के बाद एक प्रतिद्वंद्वी को आसानी से शिकस्त दी। वहीं, रवि दहिया ने शानदार पदार्पण किया और 57 किग्रा में पहले 2 मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते। उन्होंने आर्मेनिया के 61 किग्रा में यूरोपीय चैंपियन आर्सन हारुतुनयान के खिलाफ 6 अंक से पिछड़ने के बावजूद लगातार 17 अंक बनाकर जीत दर्ज की। मुकाबले के आखिर में विरोधी ने अंक को चुनौती दी लेकिन काफी देर तक रीप्ले के बाद रवि को विजेता घोषित कर दिया गया।
इतिहास रचने से चूकीं पूजा ढांडा
भारतीय महिला पहलवान पूजा ढांडा इतिहास रचने से चूक गईं। महिलाओं के 59 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में चीनी पहलवान पी जिंग के सामने पूजा की एक न चली। 3-5 से यह मुकाबला हारते हुए पूजा न सिर्फ कांस्य पदक गंवा बैठीं बल्कि एक खास रिकॉर्ड बनाने से भी चूक गईं।बृहस्पतिवार शाम खेले गए इस मुकाबले को जीतकर अगर पूजा कांस्य पदक अपने नाम करने में कामयाब हो जाती तो भारत की ओर से विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो मेडल जीतने वालीं एकमात्र महिला पहलवान भी बन जातीं। भारत की ओर से वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में अलका तोमर (2006), गीता फोगाट (2012), बबीता फोगाट (2012), और विनेश फोगाट (2019) के नाम ही पदक है। बुडापेस्ट में 2018 में हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 57 किग्रा भारवर्ग में नॉर्वे की महिला पहलवान ग्रेस बुलन को हराते हुए पूजा ने कांस्य पदक जीता था।
साक्षी मलिक का खराब प्रदर्शन जारी
महिला वर्ग में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का खराब प्रदर्शन जारी रहा और वह पहले दौर में ही नाईजीरिया की अमीनात आदेनियी से 7-10 से हार गयी। साक्षी ने आक्रमण करने के लिये काफी इंतजार किया जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी ने तेजी दिखायी। साक्षी चैंपियनशिप से भी बाहर हो गयी है क्योंकि उनकी नाईजीरियाई प्रतिद्वंद्वी क्वार्टर फाइनल में हार गयी। 68 किग्रा में दिव्या काकरान ओलंपिक चैंपियन जापानी खिलाड़ी सारा दोशो के खिलाफ खास चुनौती पेश नहीं कर पायी और 0-2 से हार गयी। दोशो बाद में क्वार्टर फाइनल में हार गयी जिससे दिव्या के लिये रेपेचेज के दरवाजे भी बंद हो गये।

रिलेटेड पोस्ट्स