अर्जुन अवार्डी पहलवान कृपाशंकर मीडिया रत्न पुरस्कार के लिए नामित

दंगल फिल्म में आमिर खान को सिखाई थी रेसलिंग
कृपाशंकर से प्रशिक्षण हासिल दर्जनों पहलवान बेटियां बढ़ा रहीं मादरेवतन का मान
मुंबई:
भारत में पिछले कुछ सालों में रेसलिंग की लोकप्रियता में बहुत इजाफा हुआ है। पिछले कुछ सालों में कुश्ती पर बनी फिल्मों ने इस खेल की लोकप्रयिता को राष्ट्रीय स्तर प्रदान किया है। भारतीय पहलवानों ने भी देश के साथ ही विदेशों में भी नाम रोशन कर इस लोकप्रयिता में सबसे बड़ा योगदान दिया है। ऐसे ही दुनिया में भारतीय कुश्ती की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाले अर्जुन अवॉर्डी और विक्रम पुरस्कार जीत चुके इंदौर निवासी इंटरनेशनल पहलवान कृपाशंकर पटेल बिश्नोई  को 'राष्ट्रीय मीडिया रत्न' पुरस्कार 2019 के लिए नामांकित किया गया है। 
मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी कृपाशंकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मान बढ़ाने के अलावा सुपरहिट फिल्म दंगल के लिए सुपरस्टार आमिर खान को प्रशिक्षित किया था। बिश्नोई इसके अलावा इंटरनेशनल रेफरी और महिला कुश्ती टीम के कोच के तौर भी सेवाएं दे चुके हैं। राष्ट्रीय मीडिया रत्न पुरस्कार प्रत्येक वर्ष मैदानी स्पर पर कार्य करने वाले पत्रकारों व मीडिया कर्मियों की ओर से उन लोगों को दिया जाता है, जो पत्रकारों व मीडिया कर्मियों के बीच हमेशा रहते हैं और उन्हें अपना कार्य करने में हरसंभव सहयोग देते हैं।
अगले सप्ताह मिलेगा यह अवार्ड
राष्ट्रीय मीडिया रत्न पुरस्कार समिति की अध्यक्ष रेहाना परवीन ने बताया की प्रेस क्लब द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय मीडिया रत्न 2019 पुरस्कार के लिए भी सभी नामों की घोषणा कर दी गई है। इस पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 21 सितम्बर को नई दिल्ली में होगा। बिश्नोई न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में उन पहलवानों में गिने जाते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़े हैं। बिश्नोई ने अनगिनत अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कुश्ती के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन देकर अब तक 11 स्वर्ण, 8 रजत और 5 कांस्य पदक जीते हैं।
कृपाशंकर ने 25 स्वर्ण, 11 रजत और 7 कांस्य पदक जीतकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। वह विभिन्न कुश्ती शैलियों (फ्री स्टाइल और ग्रीको-रोमन शैली) में एकल प्रतियोगिता में दो स्वर्ण जीतने वाले दुनिया के पहले पहलवान बने थे। उन्होंने यह उपलब्धि 2005 कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान हासिल की थी। कृपाशंकर से प्रशिक्षण हासिल दर्जनों पहलवान बेटियां आज मादरेवतन का मान बढ़ा रही हैं।

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