हर स्तर पर कोचों के लिये हो द्रोणाचार्य पुरस्कार : नारंग

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने बुधवार को कहा कि भविष्य में हर स्तर पर कोचों के लिये द्रोणाचार्य पुरस्कार दिये जाने चाहिये क्योंकि प्रतिभाओं को तराशने वाले कोच भी समान पुरस्कारों के हकदार हैं। यहां राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार लेने आये नारंग ने कहा,‘मेरा मानना है कि हर स्तर पर द्रोणाचार्य पुरस्कार होना चाहिये। जमीनी स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कोच, उसके बाद के स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कोच, सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय कोच और विदेशी कोच।’उन्होंने कहा,‘इस तरह से अच्छे कोच जमीनी स्तर से शीर्ष स्तर पर जाने को लालायित नहीं होंगे । हर स्तर पर समान पुरस्कार मिलने चाहिये ताकि जमीनी स्तर पर भी कोच देश के सर्वश्रेष्ठ जमीनी स्तर के कोच बनने की ख्वाहिश रखें।’नारंग ने कहा,‘क्योंकि इन जमीनी स्तर के कोचों के बिना एलीट कोच कुछ नहीं कर सकते । इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिये और सरकार इस दिशा में काम कर रही है।’अपने स्पोटर्स प्रमोशन फाउंडेशन में भी वह कोचों के विकास के लिये कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा,‘हम इस साल से कोच विकास कार्यक्रम शुरू करेंगे जिसमें अलग अलग केंद्रों से कोचों को प्रशिक्षण के लिये पुणे बुलाया जायेगा। यह साल में 2 या 3 बार होगा और हर साल दुनिया के अलग अलग हिस्सों से कोच को बुलाकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा।’

सिंधू की जीत से दूसरे खेलों को भी मिलेगा प्रोत्साहन 
पिछले 8 साल में देश भर में अपनी अकादमी के 16 प्रशिक्षण केंद्रों से अनगिनत निशानेबाज तैयार कर चुके लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग का मानना है कि बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पी वी सिंधू के स्वर्ण पदक से दूसरे खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। सिंधू विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं जिन्होंने बासेल में खेले गए फाइनल में नोजोमी ओकुहारा को हराया। गगन नारंग स्पोटर्स प्रमोशन फाउंडेशन (जीएनएसपीएफ) के लिये राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार लेने आये नारंग ने कहा,‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल में पदक आने पर खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ती है । जिस दिन सिंधू ने स्वर्ण जीता, हमारी अकादमी में इतने फोन आये कि हम हैरान रह गए। लोग अपने बच्चों के खेलों में कैरियर को लेकर जागरूक होने लगे हैं।’

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