पसीना सूखने से पहले खिलाड़ियों को मिला ईनाम

खेलपथ प्रतिनिधि

नई दिल्ली। कहते हैं कि पसीना सूखने से पहले यदि खिलाड़ियों को ईनाम मिल जाए तो उनका उत्साह दूना हो जाता है। हाल ही विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित कर केन्द्रीय खेल मंत्री ने एक नई शुरुआत की है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली पीवी सिंधु को मंगलवार को 10 लाख रुपये और ब्रान्ज मेडल जीतने वाले बी. साई प्रणीत को चार लाख रुपये का चेक सौंपा जबकि विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में 12 पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कुल 1.82 करोड़ रुपये के चेक सौंपे।

खेल मंत्री ने सिंधू से अपने आधिकारिक आवास पर ब्रेकफास्ट पर मुलाकात की जबकि उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों से भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्र में लंच पर मुलाकात की। खेल मंत्री ने पैरा विश्व बैडमिंटन के पदक विजेताओं को बड़ी पुरस्कार राशि से नवाजते हुए सामान्य और पैरा खिलाड़ियों के बीच के भेदभाव को एक झटके में समाप्त कर दिया।
रिजिजू ने अपनी तरफ से ये शानदार पहल की है और दिशा निर्देशों में संशोधन किया है जिसके अनुसार इंटरनेशनल पैरालंपिक समिति द्वारा आयोजित विश्व टूर्नामेंट और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार दिए जाएंगे। पैरा विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप भी बासेल में आयोजित हुई थी जहां भारतीय खिलाड़ियों ने 12 पदक जीते थे। इन पदक विजेताओं ने खेल मंत्री से मुलाकात की। रिजिजू ने इन विजेताओं को कुल 1.82 करोड़ रुपये के चेक सौंपे।
पैरा विश्व चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट को 20 लाख, सिल्वर मेडलिस्ट को 14 लाख और ब्रान्ज मेडलिस्ट को आठ लाख रुपये दिए गए। डबल्स में गोल्ड मेडलिस्ट में प्रत्येक को 15 लाख, सिल्वर मेडलिस्ट को 10.5 लाख और ब्रान्ज मेडलिस्ट को छह लाख रुपये दिए गए। खेल मंत्री ने कहा, 'हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी खिलाड़ियों के साथ समान व्यवहार हो। पैरा बैडमिंटन टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और उन्हें उनकी मेहनत का पुरस्कार मिलना चाहिए।'

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