यह पुरस्कार हकदार खिलाड़ी को मिलना चाहिए और मिला : बजरंग

एशिया और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी पहलवान बजरंग पूनिया को शुक्रवार को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान-राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया। एक साल पहले उन्होंने यह पुरस्कार नहीं मिलने पर अदालत जाने की धमकी दी थी। उनके नाम पर फैसला 12 सदस्यीय चयन समिति ने 2 दिवसीय बैठक के शुरूआती दिन में लिया। जस्टिस (सेवानिवृत्त) मुकुंदकम शर्मा की अध्यक्षता वाले पैनल में बाईचुंग भूटिया और एम सी मेरीकाम भी शामिल हैं। इसकी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘बजरंग को खेल रत्न पुरस्कार के लिये चुना गया। उनके नाम पर फैसला सर्वसम्मति से हुआ।’ सूत्र ने यह भी कहा कि 12 सदस्यीय पैनल शनिवार को अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार के नाम पर फैसला करने के अलावा शीर्ष सम्मान के लिये एक और खिलाड़ी का नाम चुन सकती है।
एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद बजरंग का नाम पिछले साल खेल रत्न पुरस्कार के लिये नहीं चुना गया था जिसके बाद उन्होंने अदालत जाने की धमकी दी थी। शुक्रवार को इस खबर के बाद बजरंग ने माना कि वह इस पुरस्कार को पाने के हकदार उम्मीदार हैं। बजरंग अभी जार्जिया में ट्रेनिंग कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘मेरा काम कड़ी ट्रेनिंग करना है। मेरा ध्यान पुरस्कारों पर नहीं बल्कि हमेशा अपने प्रदर्शन पर रहता है। लेकिन जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो सम्मान जरूर मिलता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस पुरस्कार के लिये मेरे पास उपलब्धियां थीं। मैंने हमेशा ही कहा कि यह पुरस्कार सबसे हकदार खिलाड़ी को ही मिलना चाहिए।’ बजरंग ने पिछले साल जकार्ता एशियाई खेलों में 65 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भी इसी वजन वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था। वह विश्व चैम्पियनशिप में दो बार के पदकधारी हैं और अगले साल टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिये प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। बजरंग ने 2013 विश्व चैम्पियनशिप की 60 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था और इस प्रदर्शन में सुधार करते हुए पिछले साल 65 किग्रा में रजत पदक अपने नाम किया। बजरंग खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाले चौथे पहलवान बनेंगे। उनसे पहले सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और साक्षी मलिक को यह पुरस्कार मिल चुका है।
‘मुझे बाहर से प्रेरणा की जरूरत नहीं’
बजरंग पूनिया ने हालांकि इस पुरस्कार को कजाखस्तान में 14 से 22 सितंबर तक होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिये प्रेरणा मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरा ध्यान हमेशा बड़े मंच की तैयारी पर लगा रहता है लेकिन सम्मान आपको खुशी देता है। विश्व चैम्पियनशिप से पहले यह निश्चित रूप से अच्छी खबर है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे बाहर से प्रेरणा की जरूरत नहीं है। मैं कजाखस्तान में विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा करने के लिये प्रेरित हूं। पुरस्कार से मेरी तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बेहतर प्रदर्शन करना मेरा काम है और हमेशा ऐसा ही रहेगा।’
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