खेलों में भी रेलवे का अहम योगदान

यातायात में ही नहीं भारतीय रेलवे का खेलों में भी अहम योगदान है। कोई भी प्रतियोगिता हो उसमें रेलवे के 60 फीसदी से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। देश की प्रतिभाओं के समुन्नत उत्थान में भी भारतीय रेलवे सबसे आगे है। महिला खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की दिशा में भी रेलवे निरंतर प्रयत्नशील है। भारतीय रेल को सिर्फ पुरुष ही नहीं चलाते इसमें महिलाएं भी अपना योगदान दे रही हैं। रेखा यादव भारत ही नहीं एशिया महाद्वीप की पहली रेल परिचालक हैं।
देश में पहली बार 22 दिसम्बर, 1851 को रेलगाड़ी पटरी पर उतरी थी। पहली यात्री रेल ने 16 अप्रैल, 1853 को मुम्बई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। वर्ष 1851 से अभी तक रेलवे का योजनाबद्ध विकास हुआ है। भारतीय रेल द्वारा परिसंपत्ति की उत्पादकता बढ़ाने एवं प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण करने के लिए अनेक प्रयत्न किए जा रहे हैं। वर्तमान में भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणाली है। इसके पास 64,000 किलोमीटर लम्बा रेल मार्ग है, जिंसमें बड़ी लाइन (52,808 किलोमीटर), मीटर गेज लाइन (8,473 किलोमीटर) और छोटी लाइन (2,734 किलोमीटर) शामिल हैं। भारतीय रेल की 13,000 से अधिक रेलगाड़ियां रोजाना चार बार धरती से चांद तक जितनी दूरी तय करती हैं । रेलों के जरिए प्रतिदिन डेढ क़रोड़ से ज्यादा यात्री अपनी मंजिल पर पहुंचते हैं।
 
 
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