मेरीकाॅम और सिमरनजीत को स्वर्ण

भारतीय मुक्केबाजों ने जीते 9 पदक

6 बार की विश्व चैम्पियन एमसी मेरीकाम (51 किग्रा) और 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) ने रविवार को इंडोनेशिया के लाबुआन बाजो में स्वर्ण पदक जीते जिससे भारतीय मुक्केबाजों ने 23वें प्रेसिडेंट कप में अपने अभियान का अंत 9 पदक के साथ किया। भारतीय मुक्केबाजों ने 7 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीते। फाइनल में पहुंची भारत की चारों महिला मुक्केबाजों ने स्वर्ण पदक जीते जबकि पुरुष मुक्केबाजों के हाथ 3 स्वर्ण पदक लगे लेकिन दो खिलाड़ियों को हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। ओलंपिक कांस्य पदकधारी मेरीकाम ने फाइनल में आस्ट्रेलिया की एप्रिल फ्रैंक्स को 5-0 से शिकस्त दी। मेरीकोम ने ट्वीट किया, ‘‘इंडोनेशिया में प्रेसिडेंट कप में मुझे और मेरे देश को स्वर्ण पदक मिला। मैं अपने सभी कोच, बीएफआई के कोचिंग स्टाफ और कीरेन रिजीजू को शुक्रिया कहती हूं।’ सिमरजीत ने भी फाइनल में एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता इंडोनेशिया की हसानाह हुसवातुन को 5-0 से हराया। असम की युवा और प्रतिभावान जमुना बोरो ने महिला 54 किग्रा वर्ग के फाइनल में इटली की अनुभवी ग्युलिया लमाग्ना को 5-0 से हराकर सोने का तमगा अपने नाम किया जबकि 48 किग्रा फाइनल में मोनिका ने इंडोनेशिया की एनडांग को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। पुरुष वर्ग में अंकुश दाहिया (64 किग्रा), नीरज स्वामी (49 किग्रा) और अनंत प्रह्लाद चोपाड़े (52 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते। अनंत ने अफगानिस्तान के रहमानी रमीश को 5-0 से हराकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला बड़ा पदक जीता। दाहिया ने भी मकाऊ के ल्युंग किन फोंग को 5-0 से रौंदकर आसान जीत दर्ज की। नीरज ने फाइनल में फिलिपीन्स के मकाडो जूनियर रामेल को 4-1 से हराया। विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता गौरव बिधूड़ी और इंडिया ओपन 2018 के रजत पदक विजेता दिनेश डागर को फाइनल में हार के साथ रजत पदक मिला। गौरव को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद 56 किग्रा वर्ग में इंडोनेशिया के मंदागी जिल के खिलाफ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा जबकि दिनेश को भी मेजबान देश के समादा सपुत्रा ने ही 5-0 से हराया।
विदेशी बाॅक्सर भारत में करेंगे मुक्केबाजों के साथ तैयारी
ओलंपिक की तैयारियों के लिए भारतीय खिलाड़ियों का विदेश जाना आम बात है लेकिन अगले साल टोक्यो में होने वाले खेलों के लिये मुक्केबाजी में बदलाव देखने को मिलेगा जिसमें विदेशी मुक्केबाज प्रशिक्षण के लिये भारत आयेंगे। अगले साल ओलंपिक के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से पहले खिलाड़ियों को यात्रा संबंधी थकान से बचाने के लिए इस साल दिसंबर के पहले पखवाड़े में विदेशी मुक्केबाजों को भारत बुलाने की योजना है। भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफार्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे मुक्केबाज ज्यादा यात्रा कर थके नहीं। मौजूदा सत्र में विभिन्न टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए हम पहले से ही काफी यात्रा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह अच्छा होगा कि अगले साल जनवरी में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिए घर में तैयारी करें।’ नीवा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दिसंबर में भारत में मौसम अच्छा रहता है। उस समय यूरोप में काफी ठंड रहती है। हमें उन देशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है जिन्हें हमने निमंत्रण भेजा है। हम उत्तरी अफ्रीका से भी टीमों को बुलायेंगे।’ भारतीय पुरूष और महिला मुक्केबाजों के लिए यह साल (2019) काफी व्यस्त है।

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