'हां, हम कर सकते हैं' वाली सोच बनी मजबूतीः प्रधानमंत्री मोदी

पीएम मोदी से मिलकर प्रेरित हुईं 14 साल की उन्नति
बोलीं- अगली बार महिला टीम भी जीतेगी
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थॉमस कप और उबेर कप में देश के लिए कमाल करने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की। इस दौरान सभी खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए। पीएम मोदी ने खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई की और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। 14 साल की शटलर उन्नति ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिया कि अगली बार महिला टीम भी देश का गौरव बढ़ाएगी।
हाल ही में भारतीय टीम ने थॉमस कप अपने नाम किया था। भारत ने फाइनल में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को हराकर पहली बार यह खिताब अपने नाम किया था। टीम इंडिया पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। भारत को थॉमस कप जिताने में सबसे ज्यादा योगदान किदांबी श्रीकांत, चिराग-सात्विक की जोड़ी और लक्ष्य सेन का था। इसके अलावा एचएस प्रणय ने भी मुश्किल समय में चोटिल होने के बावजूद जीत हासिल की थी और देश को चैम्पियन बनाया था। उबेर कप में भारतीय टीम मेजबान थाइलैंड से क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थी।
बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि खिलाड़ी पदक जीतें या नहीं प्रधानमंत्री सीधे उनसे बात करके हमेशा उनका उत्साहवर्धन करते हैं। प्रधानमंत्री के साथ अक्सर मुलाकात होती रहती है। वो खेल और खिलाड़ियों पर नजर रखते हैं। थॉमस कप में देश को पदक जिताने में अहम रोल अदा करने वाले खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने कहा "हमारे खिलाड़ी हमेशा यह कहने में गर्व महसूस करेंगे कि हमारे पास हमारे प्रधानमंत्री का समर्थन है। यह अतुलनीय है। जिस तरह से उन्होंने मैच के ठीक बाद हमसे बात की उससे मैं बेहद खुश हूं। यह सभी खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।"
खिलाड़ियों के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'हां, हम कर सकते हैं' वाली सोच हमारे देश की नई मजबूती बन गई है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सरकार हमारे खिलाड़ियों को हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने देश की तरफ से पूरी बैडमिंटन टीम को बधाई दी। पैर में दर्द के बावजूद मैच खेलकर भारत को जीत दिलाने वाले एच एस प्रणय ने कहा "हमारे लिए यह खुशी का समय है, क्योंकि हमने 73 साल में पहली बार थॉमस कप जीता। क्वार्टर फाइनल मैच में हम पर दबाव था, क्योंकि हमें पता था कि अगर हम हार गए तो मेडल नहीं जीत पाएंगे। हम अलग-अलग हालातों में जीतने के लिए प्रतिबद्ध थे।"
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान 14 साल की खिलाड़ी उन्नति हुड्डा ने कहा "जो मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणा देता है वो यह है कि आप कभी भी मेडल जीतने वाले और हारने वाले खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं करते। मैंने इस टूर्नामेंट में बहुत कुछ सीखा। अगली बार महिला टीम को भी जीतना होगा।" प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान खिलाड़ियों ने उनके साथ अपने अनुभव साजा किए। 
लक्ष्य सेन ने बताया कि दूसरे मैच से पहले उन्हें फूड प्वाइजनिंग हो गई थी। इस वजह से वो मैच नहीं खेल पाए थे। इस पर पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि कुछ खाने-पीने की आदत है क्या। सभी खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि इससे पहले वो कब प्रधानमंत्री मिले थे या फोन पर बात की थी। इसके साथ ही यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बात करने से कैसे उनका हौसला दोगुना हो जाता है। थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि आपने कमाल कर दिया। आपकी जीत बहुत सारे खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। इसके बाद खिलाड़ी बेहद खुश नजर आए थे। 
थॉमस कप में भारत ने रचा इतिहास
2022 में भारत ने 73 साल के थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार खिताब जीता। फाइनल में टीम इंडिया ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया की टीम को 3-0 से हराया। इस जीत ने न केवल बैडमिंटन की बादशाहत कायम की, बल्कि यह भी जताया कि अब इस खेल पर से डेनमार्क, मलेशिया, इंडोनेशिया और चीन की बादशाहत खत्म हो चुकी है। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में तभी इतिहास रच दिया था, जब टीम ने क्वार्टरफाइनल में मलेशिया को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। 43 साल में पहली बार भारत इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा था। इससे पहले टीम 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंची थी।
थॉमस कप जीतने वाली छठी टीम बना भारत
सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने डेनमार्क को 3-2 से हराकर 73 साल के टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार फाइनल में जगह बनाई और अपने पहले ही फाइनल में टूर्नामेंट भी जीत लिया। भारत का यह थॉमस कप में पहला स्वर्ण पदक है। थॉमस कप में किसी भी तरह का यह भारत का पहला पदक है। भारत छठी टीम है, जिसने यह टूर्नामेंट जीता है।
श्रीकांत और लक्ष्य सेन रहे जीत के हीरो
भारत के स्टार पुरुष खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत, लक्ष्य सेन और एसएस प्रणय ने टूर्नामेंट में जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई और भारत को चैंपियन बनाया। इसके अलावा सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष डबल्स जोड़ी ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया और जब भी टीम इंडिया मुश्किल में पड़ी इन दोनों ने जीत दिलाई और टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया।

 

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