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मथुरा में लड़ाई की भेंट चढ़ा कुश्ती हॉल
खेलपथ संवाद
मथुरा। प्रशिक्षकों के अभाव में उत्तर प्रदेश में एक जिला, एक खेल स्कीम फेल होती दिख रही है। मथुरा में 29 नवम्बर को पहलवानों द्वारा किए गए बालिका पर कमेंट के बाद जमकर लात-घूंसे चले थे। इसके चलते सांसद खेल स्पर्धाएं भी स्थगित करनी पड़ी थीं। अब चार दिसम्बर को सांसद खेल स्पर्धाएं तो हो जाएंगी लेकिन प्रतिभाशाली पहलवानों को गणेशरा स्टेडियम स्थित स्वर्गीय मोहन पहलवान कुश्ती हॉल जब तक खेल निदेशालय लखनऊ मथुरा में कुश्ती प्रशिक्षक नियुक्त नहीं कर देता तब तक अभ्यास के लिए नहीं मिल पाएगा। जिला क्रीड़ाधिकारी एसपी बमनिया ने रोज-रोज के फसाद से तंग आकर कुश्ती हॉल को बंद कर दिया है।
हम आपको बता दें कि मथुरा जिले का खेल कुश्ती ही है। मथुरा जिला कुश्ती संघ के सचिव जनार्दन पहलवान का कहना है कि अगले महीने आल इंडिया यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप होनी है, इसके लिए पहलवानों को कुश्ती हॉल और मैट की आवश्यकता है। ऐसे में कुश्ती हॉल बंद करना उचित नहीं है। इस मामले में जिला क्रीड़ाधिकारी एसपी बमनिया का कहना है कि कुश्ती हॉल का निर्माण खिलाड़ियों के लिए ही किया गया है लेकिन अभी तक यहां किसी प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। जब तक प्रशिक्षक नियुक्त नहीं होता कुश्ती हॉल बंद रहेगा। जैसे ही प्रशिक्षक की नियुक्ति हो जाएगी कुश्ती हॉल पहलवानों के लिए खोल दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक राम प्रकाश सिंह इस समय गोरखपुर में चल रही अखिल भारतीय कबड्डी प्रतियोगिता में कोई खामी न हो जाए इसके लिए मुख्यमंत्री के बसेरे पर ही डेरा डाले हुए हैं। कुल मिलाकर प्रशिक्षकों के अभाव में समूचे प्रदेश में खेलों से खेलवाड़ हो रहा है।