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भारतीय टीम चौथी तो जर्मनी दसवीं बार खेलेगी सेमीफाइनल जूनियर हॉकी विश्व कप खेलपथ संवाद भुवनेश्वर। गत चैम्पियन भारत जूनियर हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में शुक्रवार को छह बार के विजेता जर्मनी से खेलेगा तो उसकी उम्मीदें मजबूत डिफेंस और ड्रैग फ्लिकरों के शानदार फॉर्म पर टिकी होंगी। टूर्नामेंट के पहले ही मैच में फ्रांस से 4-5 से शिकस्त खाने के बाद भारतीय टीम ने अगले तीनों मैचों में शानदार प्रदर्शन करके लगातार दूसरी और कुल चौथी बार अंतिम चार में प्रवेश किया है। हालांकि, जर्मनी को हराना उतना आसान नहीं होगा जिसकी निगाह आठ साल बाद विश्व खिताब जीतने पर है। जर्मनी आखिरी बार 2013 में दिल्ली में चैम्पियन बना था। पांच साल पहले (2016) लखनऊ में उसने कांस्य पदक जीता था। भारत ने क्वार्टर फाइनल में यूरोपीय दिग्गज बेल्जियम को 1-0 से तो जर्मनी ने स्पेन को पेनाल्टी शूटआउट में 3-1 से हराया। भारत के लिए यशदीप सिवाच, उपकप्तान संजय कुमार और शारदानंद तिवारी ने डिफ्रेंस में शानदार प्रदर्शन किया। दोनों गोलकीपर प्रशांत चौहान और पवन ने बेल्जियम के खिलाफ दमदार खेल दिखाया और कई गोल बचाए। भारत के पास संजय, तिवारी, अरिजीत सिंह हुंडल और अभिषेक लाकड़ा के रूप में चार पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हैं जो उसके आक्रमण की ताकत भी हैं। बेल्जियम के खिलाफ भारत का विजयी गोल पेनाल्टी कॉर्नर पर ही तिवारी की स्टिक से आया। संजय भारत के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर हैं और फ्रांस व पोलैंड के खिलाफ दो हैटट्रिक सहित आठ गोल दाग चुके हैं। भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा कि जर्मनी को कभी कमतर नहीं आंका जा सकता। उन्होंने इतने साल में साबित कर दिया कि वे इस स्तर पर वे कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं।