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फिजिकल एज्यूकेशन सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के प्रयास ला रहे रंग खेलपथ संवाद बरुआसागर (झांसी)। प्रतिभा हाट-बाजारों में नहीं मिलती, यह जन्मजात होती है। बरुआसागर की बेटियों ने अपनी प्रतिभा और कौशल से सिर्फ झांसी ही नहीं प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। यह सब हुआ है फिजिकल एज्यूकेशन सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के प्रयासों से। यह संगठन अपने प्रयासों से धूल के फूलों को निखार रहा है। यहां की सात बेटियां बनारस में होने वाली प्रदेशस्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के लिए चयनित की गई हैं। सच कहें तो फिजिकल एज्यूकेशन सोशल वेलफेयर फाउंडेशन खिलाड़ियों के लिए उम्मीद की किरण बन कर उभर रहा है। यह संगठन कई वर्षों से लगातार खिलाड़ियों की प्रतिभा की न केवल तलाश कर रहा है बल्कि उसे निखारने का कार्य भी कर रहा है। यही वजह है कि यहां के खिलाड़ी लोगों की नजर में आ रहे हैं। हाल ही जिला कबड्डी एसोसिएशन झाँसी द्वारा प्रदेश स्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए आर्मी ग्राउंड खुसीपुरा में ट्रायल लिया गया जिसमें फिजिकल एज्यूकेशन सोशल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा संचालित स्पोर्ट एंड हेल्थ एकडेमी बरुआसागर की आरती, दीक्षा, अचला, नैना, किरन, पिंकी,प्रियंका ने अपने बेजोड़ प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। इन बेटियों का चयन बनारस में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है। झाँसी जनपद की टीम पांच दिसम्बर को बनारस प्रस्थान करेगी,इनके कोच कमलेश कुशवाहा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बरुआसागर टीम आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। प्रेम सिंह यादव सचिव कबड्डी एसोसिएशन झाँसी का कहना है कि बिना साधन-संसाधन के ग्रामीण स्तर की प्रतिभाओं को आगे लाना ही फिजिकल एज्यूकेशन सोशल वेलफेयर फाउंडेशन का एकमात्र ध्येय है। यहां जिस तरह खिलाड़ियों पर जीतोड़ मेहनत की जा रही है उससे उम्मीद है कि भविष्य में यहां की प्रतिभाएं राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर झांसी और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। एनआईएस कबड्डी कोच झांसी राधेश्याम का कहना है कि मैं पहले भी इन खिलाड़ियों को बरुआसागर में मेहनत करते देख चुका हूं और इनकी मेहनत ही इनको शिखर तक ले जाएगी। अगर इनको जल्द टेक्निकल ट्रेनिंग मिल जाये तो शीघ्र ही यह अपने खेल में और निखार ला सकती हैं। इन सभी खिलाड़ियों में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा साफ दिखता है।