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इस शख्सियत ने किताबें भी लिखी हैं नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल की आवाज कहे जाने वाले मशहूर समीक्षक और कमेंटेटर नोवी कपाड़िया का गुरुवार को निधन हो गया। वह 'मोटो न्यूरोन' नाम की एक खास बीमारी से पीड़ित थे और पिछले एक महीने से आईसीयू में भर्ती थे। इस बीमारी से अंग काम करना बंद कर देते हैं। इस बीमारी की वजह से कपाड़िया पिछले दो साल से जूझ रहे थे और उन्होंने खुद को घर में कैद कर लिया था। कपाड़िया को फुटबॉल का काफी अनुभव था। उन्होंने नौ फीफा विश्व कप बतौर कमेंटेटर कवर किया था। भारत में फुटबॉल को लेकर इतना अनुभव शायद ही किसी शख्स के पास होगा। कपाड़िया सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि वह अपने समकक्षों और पत्रकारों के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे। कपाड़िया ने फुटबॉल पर किताबें भी लिखीं, जो काफी लोकप्रिय भी हुई थीं। उनकी लिखी किताबों में 'बेयरफुट टू बूट्स', 'द मेनी लाइव्स ऑफ इंडियन फुटबॉल' प्रमुख हैं। इसके अलावा कपाड़िया दिल्ली युनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफेसर और डिप्टी प्रॉक्टर पदों पर भी रह चुके हैं। उनके निधन से फुटबॉल प्रेमी काफी दुखी हैं। सोशल मीडिया पर फैंस उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने कपाड़िया को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें फुटबॉल का पंडित बताया है वहीं, आईएसएल की टीम केरला ब्लास्टर्स ने भी कपाड़िया को श्रद्धांजलि दी है।