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खेलपथ संवाद नई दिल्ली। हाल ही में विश्व चैम्पियनशिप में 25वां स्थान हासिल करने से ‘लेजर क्लास’ नाविक (पाल नौकायन चालक) विष्णु सरवनन का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब उनका लक्ष्य अगले साल होने वाले एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है। पिछले सप्ताह बार्सिलोना में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में उनका 25वां स्थान किसी भारतीय का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। एशियाई खेलों में नौकायन का आयोजन 1970 से हो रहा है जिसमें भारत ने अब तक सिर्फ एक स्वर्ण पदक जीता है। यह पदक फारूक तारापोर और जरीर करंजिया ने 1982 में जीता था। इस साल ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले 22 साल के सरवनन का मानना है कि वह अगले साल हुआंगझोउ (चीन) में आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में नौकायन में भारत के लिए दूसरा और 40 वर्षों में पहला स्वर्ण जीत सकते हैं। सरवनन से जब एशियाई खेलों (2022) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- स्वर्ण से कम कुछ भी मंजूर नहीं। उन्होंने कहा- मैं बार्सीलोना में 'आईएलसीए7' विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ एशियाई था और 2018 एशियाई खेलों का कांस्य विजेता सिंगापुर का खिलाड़ी मेरे पीछे रहा था। यह बहुत अच्छा अहसास था कि मैं विश्व चैंपियनशिप में एक भारतीय द्वारा सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल कर सका। इंडोनेशिया में हुए 2018 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हा जी-मिन (कोरिया) और रजत विजेता खैरुलनिजाम अफेंडी (मलयेशिया) के साथ टोक्यो ओलंपिक में 15वें स्थान पर रहने वाले चीन के चेन हे ने बार्सीलोना प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता रयान हो (सिंगापुर) और इन खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले काजुमासा सेगावा (जापान) को पछाड़ने में इस भारतीय खिलाड़ी को कोई परेशानी नहीं हुई।