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राष्ट्रपति के हाथों मिलना था खेल रत्न अवार्ड खेलपथ संवाद नई दिल्ली। बेटे को बड़ा अवार्ड मिलते देखना हर मां का सपना होता है। लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर की मां उनको अवार्ड मिलने के कुछ घंटों पहली ही इस दुनिया को अलविदा कह गईं। कृष्णा की मां इंद्रा नागर की शनिवार दोपहर निधन हो गया। मां का देहांत होने की खबर सुनकर कृष्णा नागर राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले ही जयपुर के लिए रवाना हो गए। नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड कमेटी ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कारों के लिए इस बार देशभर के 12 खिलाड़ियों का चयन किया था। इनमें राजस्थान के दो पैरालिंपिक खिलाड़ी अवनि लेखरा और कृष्णा नागर भी शामिल थे। दरअसल उनकी मां इंद्रा पांच दिन पहले छत से गिर गई थीं, इसके बाद उनको जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उनका उपचार चल रहा था। शनिवार दोपहर तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनका देहांत हो गया। शनिवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने वाले थे। सम्मानित होने से पहले ही कृष्णा जयपुर लौट गए। उन्होंने 2020 पैरालंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। राष्ट्रपति से खेल रत्न लेने के बाद टोक्यो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत ने अमर उजाला से खुलासा किया कि उन्हें कृष्णा के चाचा का शुक्रवार रात 12 बजे के करीब फोन आया। लेकिन उन्होंने और साथियों ने कृष्णा को इस बारे में नहीं बताया। कृष्णा को यही कहा गया कि मां की तबीयत काफी खराब हो गई है। प्रमोद कहते हैं कि कृष्णा की मां तीन दिन पहले छत से अचानक गिर गई थीं। उनके सिर में चोट आई थी। वह अस्पताल में दाखिल थीं। कृष्णा समारोह के लिए आना नहीं चाह रहा था, पर पिता ने कहा कि मां का इलाज चल रहा है। वह खेल रत्न ग्रहण करने के लिए जाएं। उन्हें इस बात की खुशी थी कि उन्हें देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मिलने जा रहा है। कृष्णा की इच्छा थी कि वह समारोह में मां को साथ लाएं, लेकिन उन्हें यहां अकेले आना पड़ा और दुखद समाचार के साथ वापस जाना पड़ा।