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थापा पर होगा भारतीय उम्मीदों का दारोमदार नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी टीम का सोमवार से शुरू हो रही एआईबीए विश्व चैम्पियनशिप में दारोमदार अनुभवी शिव थापा (63.5 किलोग्राम), दीपक कुमार (51 किलोग्राम) और संजीत (92 किलोग्राम) पर होगा। थापा को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ी पहली बार इस प्रतिष्ठित चैम्पियनशिप में चुनौती पेश करेंगे। थापा ने 2015 में कांस्य पदक जीता था। इस बार उनकी निगाह पदक का रंग बदलने की है। विश्व चैंपियनशिप 2019 में भारत की ओर से अब तक का एकमात्र रजत पदक जीतने वाले दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल और उसी साल कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक ओलंपिक में खराब प्रदर्शन से उबर रहे हैं और टीम का हिस्सा नहीं हैं। संजीत गत एशियाई चैंपियन जबकि दीपक रजत पदक विजेता है। थापा एशियाई चैंपियनशिप में रिकॉर्ड पांच पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष मुक्केबाज हैं। नए खिलाड़ी, नया कोचिंग स्टाफ : टीम में शामिल बाकी 10 खिलाड़ी हाल में राष्ट्रीय चैंपियन बने हैं और अपनी छाप छोड़ने को बेताब हैं। मुक्केबाजों के साथ गया सहयोगी स्टाफ भी नया है। सहयोगी स्टाफ की अगुवाई हाई परफोर्मेंस निदेशक सेंटियागो नीवा कर रहे हैं। जबकि उनके साथ नवनियुक्त मुख्य कोच नरेंदर राणा और अन्य सहायक कोच शामिल हैं। सहायक कोच में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता एल देवेंद्रो सिंह भी हैं। नीवा का भारतीय टीम के साथ यह आखिरी टूर्नामेंट होगा। टीम : गोविंद साहनी (48 किग्रा), दीपक कुमार (51 किग्रा), आकाश (54 किग्रा), रोहित मोर (57 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा), शिव थापा (63.5 किग्रा), आकाश (67 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा), सुमित (75 किग्रा)), सचिन कुमार (80 किग्रा), लक्ष्य (86 किग्रा), संजीत (92 किग्रा) और नरेंदर (+92 किग्रा)।