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‘द सरदार ऑफ स्पिन: ए सेलिब्रेशन ऑफ द आर्ट एंड ऑफ बिशन सिंह बेदी' नयी दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने ऑस्ट्रेलिया में एक बार जहीर अब्बास, जावेद मियांदाद, मुदस्सर नजर और पाकिस्तान के दूसरे क्रिकेटरों को खाने पर आमंत्रित किया था जिसमें उन्होंने लगभग 25 मेहमानों के लिए लजीज पकवान बनाया था। बेदी के द्वारा स्वादिष्ट खाना बनाने का जिक्र उनकी जिंदगी पर आधारित नयी किताब ‘द सरदार ऑफ स्पिन: ए सेलिब्रेशन ऑफ द आर्ट एंड ऑफ बिशन सिंह बेदी' में है। बेदी शनिवार को 75 साल के हो गए। इस मौके पर उनके पूर्व साथी दोस्त और क्रिकेट बिरादरी के प्रशंसकों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस खास किताब में कपिल देव की प्रस्तावना, सुनील गावस्कर, ईएएस प्रसन्ना और फारूख इंजीनियर के संदेश तथा नेहा बेदी (उनकी बेटी), सचिन तेंदुलकर, बी एस चंद्रशेखर, वेंकट सुंदरम, रामचंद्र गुहा, अनिल कुंबले, ग्रेग चैपल और कई अन्य लोगों ने लेख लिख कर योगदान दिया है। प्रथम श्रेणी के पूर्व क्रिकेटर सुंदरम ने अपनी लेख ‘बिश: टेकिंग अस फ्रॉम क्लब क्लास टू वर्ल्ड क्लास' में अन्य बातों के अलावा बेदी की खाना बनाने की विशेषता का उल्लेख किया है। सचिन बजाज द्वारा संपादित और ‘रोली बुक्स' द्वारा प्रकाशित इस किताब में उन्होंने लिखा है, ‘मैं ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में था तभी फोन की घंटी बजी और दूसरी तरफ बिशन सिंह बेदी थे। उन्होंने मुझे बताया कि पाकिस्तान टीम तस्मानिया के खिलाफ मैच खेलने के लिए लाउंसेस्टन में होगी, और वह उन्हें रात के खाने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं।' उन्होंने लिखा है, ‘बेदी ने कहा कि वह वहां से लगभग 70 किलोमीटर दूर हैं और खाना बनाने के सामान और कुछ बर्तनों के साथ मेरे दोस्त के घर पर मिलेंगे। हम सब साथ मिलकर कुछ अच्छा बनायेंगे।' उन्होंने कहा, ‘बेदी को हमेशा से खाने बनाने का शौक रहा है। और मुझे पता था कि वह एक बार फिर स्वादिष्ट खाना बनायेंगे।' भारतीय टीम के साथ 1990 के दशक में मैनेजर के तौर पर जुड़े रहे सुंदरम ने कहा, ‘हम तीन परिवारों के लोगों ने साथ मिलकर लगभग 25 मेहमानों के लिए खाना बनाया। हमारे पास बर्तन छोटे थे इसलिए कुछ पकवानों को दो-तीन बार में बनाना पड़ा। हमें खाना बनाने में 7 घंटे लगे। सुंदरम ने कहा कि जहीर अब्बास, जावेद मियांदाद, मुदस्सर नजर, शफकत राणा और इकबाल कासिम जैसे कई दिग्गजों सहित मिलनसार पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ यह क्षण ‘काफी आनंददायक’ था। उन्होंने कहा, ‘सभी अपने घर से लाखों मील दूर ऑस्ट्रेलिया में आराम से थे और यहां पर हंसी, चुटकुले तथा कहानियों का आदान प्रदान हो रहा था। इन सबसे परे बेदी सब का शानदार तरीके से ख्याल रख रहे थे। इस किताब में दिग्गज हरफनमौला कपिल देव ने अपने पहले कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि बेदी की तरह का कोई नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘ वह एक ऐसे क्रिकेटर थे जो अपने अधिकारों को अच्छी तरह जानते थे। वह बेहतर मैच फीस, यात्रा सुविधाओं और आवास के लिए आवाज उठाते हुए क्रिकेटरों के लिए खड़े हुए। उन्होंने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ को निशाने पर लिया क्योंकि वह चाहते थे कि खिलाड़ियों के साथ सम्मान का व्यवहार किया जाए। जब उन्हें लगा कि वे अपने दृष्टिकोण में निष्पक्ष नहीं हैं तो उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों के साथ संघर्ष करने में संकोच नहीं किया।'' स्पिन गेंदबाजी में बेदी के सहयोगी रहे चंद्रशेखर उन्हें क्रिकेटर और एक इंसान दोनों के रूप में सर्वकालिक महान करार दिया। उन्होंने अपनी लेख में लिखा है कहा, ‘बिशन एक इंसान है लेकिन उनमें कई लोगों के गुण है और मुझे उन सभी को जानने का सौभाग्य मिला है। एक महान गेंदबाज, सहयोगी, कप्तान, अधिकारों के लिए सत्ता खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वाला, चयनकर्ता, कोच, प्रशासक, कमेंटेटर और स्तंभकार के रूप में, वह अद्वितीय रहे है।''