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पदक जीत बनाना चाहते हैं रिकॉर्ड अब तक सबसे कठिन राष्ट्रीय चैम्पियनशिप थी इस बार नई दिल्ली। भारत के शीर्ष मुक्केबाजों में से एक शिव थापा (63.5 किलोग्राम) की निगाह सर्बिया के बेलग्रेड में 24 अक्टूबर से शुरू होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाने पर है। वह जानते हैं कि टीम का अनुभवी सदस्य होने के कारण उनकी जिम्मेदारी भी सबसे अधिक है। पांच बार के एशियाई पदक विजेता थापा अगर विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत लेते हैं तो दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बनेंगे। उन्होंने कहा,‘अनुभवी होने का मतलब अधिक जिम्मेदारी है। मैं इसे इस तरह से देखता हूं। मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि टीम में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। हमारी टीम वास्तव में अच्छी है। मुझे विश्वास है कि हम सभी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह मेरी तीसरी विश्व चैम्पियनशिप है। अगर मैं पदक जीतता हूं तो यह यादगार बन जाएगी।’ टोक्यो ओलम्पिक में जगह नहीं बना पाने वाले थापा ने हाल में बेल्लारी में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने कहा मैंने जितनी भी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया उनमें यह सबसे कड़ी थी। शायद इसलिए कि स्वर्ण पदक विजेता को विश्व चैम्पियनशिप के लिए चुना जाना था। लेकिन मैंने किसी भी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ इसे हल्के से नहीं लिया। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से पहले तैयारी करना चुनौती थी। मैं घर में तैयारी कर रहा था लेकिन वह शिविर जैसी तैयारी नहीं थी। मैंने अपने मित्र कविंदर (बिष्ट) को फोन किया जोकि वायुसेना में है और उन्होंने मुझे बेंगलूरू आकर अपने शिविर में अभ्यास के लिए आमंत्रित किया। मैं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से तीन चार दिन पहले वहां पहुंचा और इससे मेरी तैयारियों में काफी मदद मिली।’