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इन खिलाड़ियों को किसी कार्यक्रम में निःशुल्क बुलाना टेढ़ी खीर खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक और पैरालम्पिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद देश से मिले अपार स्नेह और पैसे ने खिलाड़ियों का भाव सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। अब खिलाड़ियों को किसी कार्यक्रम में बिना पैसे के बुला पाना बहुत मुश्किल होगा। यद्यपि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खिलाड़ियों से आह्वान किया है कि मेडल विजेता खिलाड़ी 75 स्कूलों का दौरा कर छात्र-छात्राओं को खेलों और स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करें लेकिन यह बात खिलाड़ियों के लिए दूर की कौड़ी साबित होगी। टोक्यो ओलम्पिक का समापन हुए एक महीना बीता है। खेलों के इस महाकुंभ में कई भारतीय एथलीटों ने अपना जलवा दिखाया और ओलम्पिक में भारत के लिए अब तक के सबसे ज्यादा पदक जीतने का करिश्मा किया। भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलम्पिक में कुल सात पदक जीते जिनमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं। मेडल जीतने के बाद स्वदेश वापस आए इन एथलीटों पर धन वर्षा भी हुई। इसके अलावा दर्जनों ब्रांड्स पदक विजेताओं को अप्रोच कर रहे हैं। जिसके चलते टोक्यो ओलम्पिक में पदक विजेता खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू 10 गुना तक बढ़ गई है। कुछ एथलीटों ने स्टार क्रिकेटरों को भी पीछे छोड़ दिया है। भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा, पहलवान बजरंग पूनिया, शटलर पीवी सिंधु, रेसलर रवि दहिया कई अन्य पदक विजेता एथलीटों को दर्जनों ब्रांड्स अप्रोच कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि किस खिलाड़ी ने किन ब्रांड्स के साथ करार किया है। ओलम्पिक से पहले और बाद में इनकी फीस में क्या अंतर आया है। नीरज चोपड़ाः टोक्यो ओलम्पिक में भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा की ब्रांड वेल्यू में 10 गुना का इजाफा हुआ है। नीरज को मैनेज करने वाली फर्म जेएस डब्ल्यू के सीईओ मुस्तफा गौस का कहना है कि उनकी मेल और नॉन क्रिकेटिंग उपलब्धियों के चलते बढ़ोत्तरी हुई है। अब तक मार्केट में क्रिकेटर हावी थे। इनके अलावा पीवी सिंधु, मैरीकॉम और सानिया मिर्जा जैसी एथलीट छाई थीं। लेकिन नीरज ने इस धारणा को बदल दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक नीरज की सालाना ब्रांड एंडोर्समेंट फीस ढाई करोड़ के आसपास है। पहले यह 20-30 लाख होती थी। पीवी सिंधुः स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु टोक्यो ओलम्पिक से पहले भी कई ब्रांड्स की चहेती रही हैं, सिंधु को मैनेज करने वाली कम्पनी बेसलाइन वेंचर्स के यशवंत बियाला के अनुसार कई दूसरे ब्रांड्स ने इस दौरान उनसे सम्पर्क किया है। यह ब्रांड्स उनसे 2-3 साल का करार करना चाहते हैं। सिंधु ओलम्पिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की इकलौती बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनकी एंडोर्समेंट की सालाना फीस में 60-70 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। मीराबाई चानूः टोक्यो ओलम्पिक में वेटलिफ्टिंग में भारत को रजत पदक दिलाने वाली मीराबाई चानू को कई ब्रांड्स अप्रोच कर रहे हैं। चानू को मैनेज करने वाली कम्पनी आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राहुल त्रेहन के मुताबिक, पदक जीतने के बाद चानू के पास कई ब्रांड्स के ऑफर हैं। फिलहाल चानू ने एम्वे इंडिया, मोबिल इंजन ऑइल, एडिडास ग्लोबल के साथ करार किया है। उनकी एंडोर्समेंट फीस एक करोड़ रुपये सालाना से अधिक है। ओलम्पिक से पहले उनकी फीस करीब 10 लाख हुआ करती थी। बजरंग पूनियाः टोक्यो ओलम्पिक में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया के पास ओलम्पिक से पहले भी कई ब्रांड्स थे। लेकिन मेडल जीतने के बाद उनके पास नए ब्रांड्स की कतार लग गई है। नीरज चोपड़ा की तरह उन्हें जेएसडब्ल्यू मैनेज करती है। पूनिया की ब्रांड वेल्यू में करीब 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। उनके अलावा सिल्वर मेडल जीतने वाले रवि दहिया के पास भी कई ब्रांड्स के ऑफर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दहिया की ब्रांड वैल्यू करीब 60 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उनके अलावा बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन की ब्रांड वैल्यू 100 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जबकि हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश की ब्रांड वैल्यू में 150 फीसदी का उछाल आया है। क्रिकेटरों की ब्रांड एंडोर्समेंट फीस की बात की जाए तो विराट कोहली की फीस एक से पांच करोड़ तक है। इतनी ही फीस पूर्व कप्तान एमएस धोनी की भी है। हिटमैन रोहित शर्मा की 50 लाख से एक करोड़, केएल राहुल की भी 50 लाख से एक करोड़ जबकि जसप्रीत बुमराह की 30 से 50 लाख रुपये तक ब्रांड एंडोर्समेंट फीस है।