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गले लगकर खूब रोई हॉकी बेटी खेलपथ संवाद हरिद्वार। ओलम्पिक से इतिहास रचकर भारतीय महिला हॉकी टीम स्वदेश लौट आई है। स्टार स्ट्राइकर वंदना कटारिया जब अपने घर पहुंचीं तो उनका जमकर स्वागत हुआ। रास्ते भर गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया जा रहा था लेकिन मां से मिलते ही वह भावुक हो गई और फूट-फूटकर रोने लगी। तीर्थनगरी हरिद्वार पहुंचकर उन्होंने कहा कि, 'हम लोग मेडल के बहुत नजदीक थे, मेडल नहीं जीत पाए, लेकिन हमने भारत में लोगों का दिल जीता है। आने वाले समय में भारतीय टीम जरूर गोल्ड मेडल जीतेगी। वंदना जब प्रैक्टिस में बिजी थीं उस दौरान पिता का साथ छूट गया। वापस आकर मां से गले लगकर पिता के सपने को याद कर रोने लगी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ओलम्पिक में वंदना ने हैटट्रिक बनाई थी। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली हॉकी बेटी हैं। भारत की ओर से वह सर्वाधिक गोल करने वाली खिलाड़ी भी थीं। ग्रेट ब्रिटेन ने 3 के मुकाबले 4 गोल मारकर भारतीय महिलाओं को हराया था। एक समय पिछड़ने के बाद भारतीय बेटियों ने ताबड़तोड़ गोल दाग मुकाबले में बढ़त बना ली। एक गोल वंदना कटारिया का भी रहा। उन्होंने अपने गोल से केवल विपक्षी टीम को पीछे नहीं धकेला बल्कि उन युवकों को भी करारा जवाब दिया, जिन्होंने पिछले मुकाबले में हार के बाद हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित उनके घर के बाहर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया और जातिसूचक टिप्पणियां कीं।