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कांस्य न जीतने का मलाल स्वाभाविक खेलपथ संवाद ग्वालियर। आज मैं निराश हूं वजह हॉकी बेटियों का पदक के बिना टोक्यो ओलम्पिक से लौटना मान सकते हैं। हमारी बेटियों ने मर्दाना खेल दिखाया लेकिन वह बदकिस्मती से ब्रिटेन से हार गईं। भारतीय महिला टीम को पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से हार मिली और फिर कांस्य पदक की लड़ाई में ग्रेट ब्रिटेन ने जीत हासिल कर ली। इसी के साथ भारतीय बेटियों का टोक्यो ओलम्पिक खेलों में हॉकी के खेल से सफर समाप्त हो गया। देखा जाए तो ओलम्पिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम का ये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, क्योंकि पहली बार टीम सेमीफाइनल तक पहुंची, लेकिन सच्चाई ये भी है कि भारत ने चौथे स्थान पर ये टूर्नामेंट समाप्त किया है। 1980 में जब 6 टीमें ओलम्पिक में हॉकी के खेल में उतरी थीं तो भारतीय महिला टीम उस समय भी राउंड रोबिन वाले फॉर्मेट के हिसाब से चौथे स्थान पर थी वहीं 2016 के रियो ओलम्पिक में भारत 12वें स्थान पर रहा। आठ स्थान की छलांग को बड़ी उपलब्धि मानना चाहिए क्योंकि टोक्यो जाने से पहले किसी भारतीय को भरोसा नहीं था कि महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल खेलेगी। लगातार दूसरी बार ओलम्पिक खेलने उतरी भारतीय महिला टीम को पहले मैच में नीदरलैंड्स के हाथों 5-1 से हार झेलनी पड़ी वहीं, दूसरे मैच में जर्मनी ने भारत को 2-0 से हराया और तीसरे मैच में ग्रेट ब्रिटेन से 4-1 से हार मिली। इन तीन मैचों के बाद लग रहा था कि भारत अपना वही प्रदर्शन दोहराएगा, जोकि 2016 कि रियो ओलम्पिक में था। भारत उस ओलम्पिक में 12वें स्थान पर रहा था। हालांकि, यहां से भारत ने कमाल का प्रदर्शन दिखाना शुरू किया। लीग फेज के चौथे मैच में भारतीय टीम ने आयरलैंड को 1-0 से हराकर अपनी वापसी का संकेत दिया। आखिरी लीग मैच में भारत ने साउथ अफ्रीका को 4-3 से हराया, लेकिन ये आंकड़े क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए काफी नहीं थे। भारत को दूसरी टीमों के नतीजों पर भी निर्भर होना पड़ा, लेकिन किस्मत अच्छी रही कि भारत क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया, जहां उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ और भारत ने कंगारू टीम को 1-0 से मात दे दी। भारत लगातार तीन मैच टोक्यो ओलम्पिक में जीत चुका था और चौथा मैच अगर जीत जाता तो भारत के पास कम से कम सिल्वर मेडल जीतने का मौका होता, लेकिन टीम अर्जेंटीना से 2-1 से हार गई। हालांकि, अभी भी भारत के पास कांस्य पदक जीतने का मौका था, लेकिन भारतीय महिला टीम को ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 4-3 से हार झेलनी पड़ी और टूर्नामेंट बिना पदक के समाप्त करना पड़ा। टोक्यो में भारतीय बेटियों को ग्रेट ब्रिटेन ने दो बार पराजित किया।