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टोक्यो। अपनी दिलेरी और जुझारूपन से इतिहास रच चुकी भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलम्पिक में पहली बार स्वर्ण जीतने का सपना दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना ने बुधवार को सेमीफाइनल में 2-1 से जीत के साथ तोड़ दिया। फाइनल में अर्जेंटीना का सामना नीदरलैंड से होगा। भारतीय खिलाड़ियों के दिल इस हार से जरूर टूटे होंगे लेकिन उनका सिर फख्र से ऊंचा होगा क्योंकि ओलम्पिक जाने से पहले किसी ने उनके अंतिम चार में पहुंचने की कल्पना भी नहीं की थी। भारत के पास अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है जिसके लिये शुक्रवार को उसका सामना तीसरे चौथे स्थान के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन से होगा। भारतीय टीम 1980 के मास्को ओलंपिक में छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। उस समय पहली बार ओलंपिक में महिला हॉकी को शामिल किया गया था। आज भारत को दूसरे ही मिनट में गुरजीत ने बढ़त दिलाई। कप्तान रानी ने भारत को पेनाल्टी कॉर्नर दिलाया जिसे गुरजीत ने गोल में बदला। इसके तीन मिनट बाद ही अर्जेंटीना ने बराबरी का मौका गंवाया। दूसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना के तेवर बदले हुए थे। उन्हें तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला जिसे कप्तान मारिया ने गोल में बदला। दूसरे क्वार्टर में भारत को मिले दोनों पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। तीसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना ने पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिसे गोल में बदलकर मारिया ने टीम को बढ़त दिला दी। आखिरी सीटी बजने से कुछ सेकंड पहले सर्कल के बाहर से उदिता की हिट पर नवनीत कौर के शॉट को अर्जेंटीना के डिफेंडर ने बाहर कर दिया।