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भारत की झोली में तीसरा मेडल ओलम्पिक में पदक जीतने वाली असम की पहली खिलाड़ी टोक्यो। भारत की स्टार युवा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है। 22 वर्षीय महिला मुक्केबाज को सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में पहली बार ओलम्पिक खेल रही लवलीना ने पूरा जोर लगाया लेकिन बुसेनाज के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर पाईं। भारतीय मुक्केबाज को 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी। लवलीना भले ही फाइनल में पहुंचने से चूक गईं, बावजूद इसके वह इतिहास रचने में सफल रहीं। वह अब ओलम्पिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं। यही नहीं वह 125 साल के ओलम्पिक इतिहास में असम की पहली एथलीट हैं जिन्होंने पदक जीता है। लवलीना के कांस्य पदक के साथ ही मेडल्स टैली में भारत के पदकों की संख्या तीन हो गई है। तीनों ही पदक भारतीय बेटियों ने जीते हैं, जिसमें मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर तो वहीं बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पीवी सिंधु और लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। बता दें कि लवलीना से पहले सिर्फ दिग्गज मैरीकॉम और विजेंद्र सिंह ने ही मुक्केबाजी में ओलम्पिक मेडल जीते थे। अपना पहला ओलम्पिक खेलते हुए मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना सेमीफाइनल में मिली हार से निराश हैं लेकिन उन्होंने मजबूत वापसी करने का वादा किया है। इस हार से मैं सदमे में हूँ। मेरी रणनीति थी कि मैं जितनी मार खाऊँ उतना ही मारूँ। पर ऐसा हो नहीं पाया। अब मैं एक-डेढ़ महीने का ब्रेक लूँगी और फिर मज़बूती से लौटूँगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बॉक्सर लवलीना से बात की और उन्हें टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पद जीतने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने लवलीना से कहा कि उनकी जीत हमारी नारी शक्ति की प्रतिभा और दृढ़ता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सफलता प्रत्येक भारतीय विशेष रूप से असम और पूर्वोत्तर के लिए असीम गौरव का विषय है। इससे पहले एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि ओलम्पिक में लवलीना की सफलता ने कई भारतीयों को प्रेरित किया। पीएम मोदी ने कहा कि उनका तप और दृढ़संकल्प सराहनीय है। उन्होंने लवलीना को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।