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जन्म चीन में और परवरिश हुई लंदन में अनाथालय में छोड़ आए थे उसके चीनी माता-पिता खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक में इन दिनों महिला एथलीट हर दिन कोई न कोई कीर्तिमान रच रही हैं। ऐसी ही एक एथलीट हैं कनाडा की तैराक मैगी मैकनील। उन्होंने जैसे ही स्वर्ण पदक पर कब्जा किया, वैसे ही वह इंटरनेट मीडिया पर छा गईं। खास बात यह है कि उनका जन्म चीन में हुआ, परवरिश लंदन में लेकिन पदक उन्होंने कनाडा के लिए जीता। चीन में मैगी के जन्म के बाद उनके माता-पिता ने उन्हें अनाथालय में छोड़ दिया था। यहीं से मैगी की किस्मत ने मोड़ लिया और उन्हें कनाडाई दम्पति एडवर्ड मैकनील और सुसान मैकनेयर ने गोद ले लिया। यह कनाडाई दम्पति मूल रूप से लंदन के निवासी थे और कुछ समय बाद ही वे मैगी को लेकर लंदन चले गए। लंदन में ही मैगी की परवरिश हुई और वहीं उन्होंने तैराकी सीखी। ओलम्पिक की 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में 21 वर्षीय मैगी ने 55.59 सेकेंड के साथ कनाडा को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। संयोग से स्वर्ण पदक के मुकाबले में उन्होंने अपने जन्म देश चीन की झांग युफेई (55.64 सेकेंड) को हराया। दरअसल पिछली सदी के नौवें दशक में चीन ने देश की बढ़ती आबादी पर लगाम लगाने के लिए एक संतान योजना लागू कर दी थी। इसका शिकार बेटियां हुईं, क्योंकि लड़के की चाहत में चीनी दम्पति पहली संतान के रूप में होने वाली लड़की की भ्रूण हत्या करवा देते थे या फिर जन्म के बाद ही उन्हें अनाथालय में छोड़ आते थे। मैगी भी इसी योजना का शिकार बनी थी।