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एथलेटिक्स में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद खेलपथ संवाद नई दिल्ली। खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलम्पिक की शुरूआत होने में दो हफ्ते से कम वक्त बचा है। ऐसे में देश के कई एथलीट संबंधित स्पर्धाओं की जमकर तैयारी कर रहे हैं। इस बार उम्मीद की जा रही है कि भारत ओलम्पिक पदकों की संख्या में इजाफा करेगा। भारतीय ओलम्पिक दल में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो पदक जीतने का करिश्मा कर सकते हैं। जबकि कुछ एथलीट अपने पदकों का रंग बदलने के लिए प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर देंगे। इस बीच देश के जाने-माने भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने बयान दिया है कि वह सकारात्मक सोच के बल पर मेडल की जीतने की कोशिश करेंगे। ओलंपिक पदक के लिए भारत के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक माने जाने वाले भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा कि इन खेलों से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की कमी के कारण उनकी तैयारी काफी चुनौतीपूर्ण रही हैं लेकिन वह इस बड़े आयोजन के लिए सकारात्मक रहने की कोशिश कर रहे हैं। चोपड़ा ने कहा कि 23 जुलाई को शुरू होने वाले खेलों से पहले एक अवसर को छोड़कर, उन्हें विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा की स्वाभाविक भावना की कमी खल रही है। उन्होंने जिस एक प्रतियोगिता का जिक्र किया वह 26 जून को फिनलैंड में कुओर्टेन खेल थे जिसमें 86.79 मीटर के प्रदर्शन के साथ उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इस प्रतियोगिता में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के दावेदार जर्मनी के जोहान्स वेटर ने 93.59 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण जीता था। टोक्यो ओलम्पिक में भाग लेने के लिए भारतीय एथलीटों का पहला जत्था 17 जुलाई को रवाना होगा। जबकि पांच पुरुष और चार महिला मुक्केबाज इन दिनों इटली में ट्रेनिंग कर रहे हैं जो वहीं से टोक्यो के लिए उड़ान भरेंगे। इस बार भारत के 120 से ज्यादा एथलीट ओलंपिक खेलों की विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेंगे। हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ ने आधिकारिक तौर पर इन खिलाड़ियों की संख्या के बारे में नहीं बताया है।