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जीता दूसरा यूरो कप खिताब 55 साल बाद भी नहीं हो सका इंग्लैंड का सपना पूरा नई दिल्ली। वेम्बली स्टेडियम में इंग्लैंड और इटली के बीच चले यूरो कप के फाइनल में इटली टीम की जीत हुई है। इटली ने दूसरी बार यूरो कप का खिताब जीत लिया है। हालांकि इस जोरदार मुकाबले में इंग्लैड ने शुरुआत में ही बढ़ ले ली थी। यूरो 2020 के फाइनल में इटली की टीम ने इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट 3-2 से हराया। शानदार चले मैच में इंग्लैंड के ल्यूक शॉ ने यूरो फाइनल के इतिहास में सबसे तेज गोल किया। शॉ ने मैच के दूसरे मिनट में गोल किया। अगर सटीक समय की बात की जाए तो गोल का सटीक समय 1 मिनट, 57 सेकंड था। इससे पहले 1964 में स्पेन के जीसस मारिया ने रूस के खिलाफ फाइनल में छठे मिनट में गोल दागा था। पहले हाफ तक इंग्लैंड इटली पर बढ़त बनाए थी। दूसरे हाफ तक आते आते भी इंग्लैंड को 1-0 से आगे था। इंग्लैंड के हौसले बुलंद थे, दूसरे हाफ तक इंग्लैंड इटली पर हावी रहा। लेकिन खेल के 67वें मिनट में इटली ने गोल करके मुकाबले में बराबरी कर ली। लियोनार्डो बोनुची यूरो फाइनल के इतिहास में सबसे उम्रदराज गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। लियोनार्डो बोनुची ने गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। 34 साल 71 दिन के बोनुची फाइनल में गाेल करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने। पूरा समय हो जाने के बाद भी दोनों टीमें एक-एक की बराबरी पर रहीं। यूरो कप 2020 टूर्नामेंट का परिणाम पेनल्टी शूटआउट से निकला। इससे पहले 1976 में पेनल्टी ने रिजल्ट निकला था। पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड की ओर हैरी कैन, हैरी मैगुओर ने गोल किए जबकि मार्कस रैशफोर्ड, जेडन सांचो और बुकायो साका गोल नहीं कर सके। वहीं इटली की ओर से डोमनिका बेरार्डी, लियोनार्डो बोनुची, फेडरिको ने गोल किया। आंद्रेई बेलोटी, जोर्गिन्हो गोल नहीं कर सके।इटली ने दूसरी बार यूरो कप का खिताब जीता है। इटली की चार विश्व कप जीत में से आखिरी सफलता 2006 में मिली थी। 55 साल के बाद भी इंग्लैंड का ट्राफी पाने का इंतजार खत्म नहीं हो सका। आखिरी ट्राफी 1966 में जीती थी। तब से प्रशंसक ट्रॉफी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इंग्लैंड कुछ मौकों पर सेमीफाइनल में पहुंचा है, लेकिन फाइनल में पहुंचने में नाकाम ही रहा।