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तो खिताबी हैट्रिक लगाने वाले चौथे खिलाड़ी बनेंगे जोकोविच विम्बलडन। दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच सातवीं बार विम्बलडन जबकि कुल 30वीं बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंच गए। अब वह रोजर फेडरर और राफेल नडाल के रिकॉर्ड 20 ग्रैंड स्लैम जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी से सिर्फ एक जीत दूर रह गए हैं। पांच बार के चैंपियन जोकोविच ने सेमीफाइनल में कनाडा के डेनिस शापोवालोव को दो घंटे 44 मिनट तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में 7-6, 7-5, 7-5 से पराजित किया। अब रविवार को छठे ऑल इंग्लैंड खिताब के लिए जोकोविच की टक्कर इटली के 25 माटेयो बेरेटिनी से होगी। सातवीं वरीयता प्राप्त बेरेटिनी ने पोलैंड के 24 वर्षीय हुबर्ट हर्काज को दो घंटे 36 मिनट तक चले मुकाबले में 6-3, 6-0, 6-7, 6-3 से शिकस्त देकर पहली बार ग्रैंड स्लैम के फाइनल में जगह बनाई। बेरेटिनी विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाले इटली के पहले खिलाड़ी (पुरुष व महिला) हैं। यह इस 25 वर्षीय खिलाड़ी यहां 10वीं जीत है। बेरेटिनी इससे पहले 2019 में यूएस ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे। जोकोविच अगर ट्रॉफी जीत जाते हैं तो वह ओपन युग में विंबलडन में खिताबी हैट्रिक लगाने वाले रोजर फेडरर, ब्योर्न बोर्ग और प्रीट संप्रास के बाद चौथे खिलाड़ी होंगे। यही नहीं वह तीसरी बार कोई ग्रैंड स्लैम लगातार तीसरी बार जीतेंगे। इससे पहले वह ऑस्ट्रेलियन ओपन (2013 -15, 2019-21) में दो बार खिताबी हैट्रिक लगा चुके हैं। 52 साल में पहला खिलाड़ी बनने से एक जीत दूर : जोकोविच पिछले 52 वर्षों में साल के पहले तीनों ग्रैंड स्लैम जीतने वाला पहला जबकि कुल पांचवां खिलाड़ी बनने से सिर्फ एक जीत दूर रह गए हैं। अभी तक जैक क्रॉफर्ड (1933), डोनाल्ड बज (1938),ल्यू होड (1956) और लॉड लेवर (1962 व 1969) ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। चौथे इटालियन : बेरेटिनी किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचने वाले चौथे पुरुष इटालियन खिलाड़ी हैं। उनसे पहले सभी तीन खिलाड़ी फ्रेंच ओपन के खिताबी मुकाबले में पहुंचे थे। निकोला पिएट्रांगेलि चार बार (1959, 60 में विजेता, 61, 64 उपविजेता), एड्रियानो पनाट्टा (1976 विजेता) और जियोर्जियो डि स्टेफनी (1932 उपविजेता) एक-एक बार रोलां गैरां के फाइनल में पहुंचे। बेरेटिनी अगर खिताब जीत जाते हैं तो वह पिछले 55 वर्षों में कोई ग्रैंड स्लैम जीतने वाले इटली के पहले खिलाड़ी होंगे। प्लिस्कोवा के पहले ग्रैंड स्लैम खिताब की राह में खड़ी हैं बार्टी पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी कैरोलिना प्लिस्कोवा के पहले ग्रैंड स्लैम की राह में मौजूदा नंबर एक खिलाड़ी एशले बार्टी खड़ी हैं। दोनों ही खिलाड़ी पहली बार विंबलडन जबकि दूसरी बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचीं हैं। ऐसे में शनिवार को जीते कोई भी पर यह तय है कि ऑल इंग्लैंड क्लब को इस बार भी नई चैंपियन मिलेगी। कोरोना के चलते पिछली बार यह ग्रैंड स्लैम नहीं हुआ था। 2019 में रोमानिया की सिमोना हालेप ने पहली बार यह खिताब जीता था। बार्टी 2019 में फ्रेंच ओपन जीत चुकी हैं तो प्लिस्कोवा को 2016 में यूएस ओपन के फाइनल में हार मिली थी। प्लिस्कोवा पिछले सात वर्षों में विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाली चेक गणराज्य की पहली खिलाड़ी हैं। अब वह यह 29 वर्षीय खिलाड़ी यह ट्रॉफी जीतकर ग्रैंड स्लैम जीतने का अपना सपना पूरा करना चाहेंगी। पेत्रा ने 2014 और 2011 में यह ट्रॉफी जीती थी। बचपन का सपना पूरा करेंगी बार्टी : विंबलडन चैंपियन बनना बार्टी का बचपन का सपना है। वह कई बार कह चुकी हैं एक दिन मैं यहां चैंपियन बनूंगी। यह मेरा सपना और लक्ष्य है। अब वह अपने इस लक्ष्य से सिर्फ एक जीत दूर हैं। बार्टी पिछले 41 वर्षों में विंबलडन के फाइनल में पहुंचने वाली पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले 1980 में उनकी आदर्श खिलाड़ी इवोनी गूलागोंग न सिर्फ फाइनल में पहुंची बल्कि विजेता भी बनीं। इवोनी1971 में यह ट्रॉफी जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ट्रॉफी बनी थी। ऐसे में उस ट्रॉफी की यह 50वीं वर्षगांठ भी है। तो वीनस के क्लब में शामिल होंगी प्लिस्कोवा : विंबलडन में ओपन युग (1968) में सिर्फ तीन महिलाएं ही दो शीर्ष वरीय खिलाड़ियों को हराकर हराकर खिताब जीत पाई हैं। प्लिस्कोवा इस सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वीनस विलियम्स (2000, 2005) ने दो बार और एनी जोंस (1969) व गूलागोंग (1971) ने एक-एक बार ऐसा किया है।