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निक्की प्रधान का कहना टोक्यो ओलम्पिक में हर मैच करो या मरो का होगा खेलपथ संवाद बेंगलूरु। झारखंड की ओर से ओलम्पिक खेलने वाली स्टार महिला हॉकी खिलाड़ी निक्की प्रधान टोक्यो ओलम्पिक की तैयारियों में जुटी हुई हैं। वह मानती हैं कि ओलम्पिक खेलों में भारतीय टीम का हर मैच करो या मरो का होगा। हम सब यही सोच कर उतरेंगे कि इस मैच के आगे भी कुछ नहीं। इसे जीत लें तो फिर अगला लक्ष्य तय करेंगे। बेंगलुरु में चल रहे भारतीय हॉकी टीम के कैंप में टीम के सभी खिलाड़ी जमकर पसीना बहा रहे हैं। टोक्यो ओलम्पिक पर निक्की प्रधान ने कहा- -टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी कैसी चल रही है? - अच्छी चल रही है। बेंगलुरु में सभी जमकर पसीना बहा रहे हैं। हर रोज दो सत्रों में अभ्यास कर रहे हैं। कभी ज्यादा वर्क आउट हो जाता है तो उस दिन एक सत्र अभ्यास करते हैं। टीम के सभी खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और बेहतर नतीजे के लिए आशान्वित हैं। -इस बार पदक की क्या सम्भावनाएं हैं? - उम्मीद पूरी है। रियो में हम बेहतर नहीं कर सके लेकिन, इस बार हमें भरोसा है कि हम लोग बेहतर करेंगे। शिविर में सभी खिलाड़ी जमकर तैयारी कर रहे हैं। टीम इस बार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हम शिविर से बाहर नहीं निकलते हैं और न ही कोई बाहरी व्यक्ति आता है। पिछले एक माह से सभी की जिंदगी मैदान में ही सिमट कर रह गई है। - किस टीम को मजबूत दावेदार मानते हैं? - अब वह समय गया कि रैंकिंग में नंबर वन रहने वाली टीम के सामने दूसरी टीम दबाव में आ जाती थी। अब सभी टीमें बराबरी पर हैं। जो उस दिन बेहतर खेलेगी वह टीम जीतेगी। रैंकिंग व बड़े नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता है। - ओलम्पिक में किस रणनीति के साथ भारतीय टीम उतरेगी? - हम लोगों ने लम्बा लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। टीम के सभी खिलाड़ी एक बार में एक मैच पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। भारतीय टीम का पहला मैच मजबूत हालैंड से है और टीम उसी को ध्यान में लेकर तैयारी करेगी। एक बार में एक मैच पर ही सबका ध्यान रहेगा। किसी भी टीम को हल्के में नहीं लिया जाएगा। सभी टीमों के वीडियो देख कर तैयारी भी की जा रही है। दूसरी टीमें भी यही कर रहीं होंगी। हम लोगों के लिए हर मैच करो या मरो वाला होगा। प्रत्येक मैच को हम जीतने की कोशिश करेंगे। उसके बाद ही अगले मैच की रणनीति तैयार करेंगे। - अभ्यास के दौरान किस चीज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है? - पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलना। हम जानते हैं कि अगर हम पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील करने में सफल रहे तो अच्छे परिणाम दे सकते हैं। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है साथ ही ट्रिपल एस (स्कील, स्पीड व स्टेमिना) पर ध्यान दिया जा रहा है। दूसरी टीमों के खिलाड़ी भले ही कद काठी में मजबूत हों लेकिन, हम उन्हें मानसिक मजबूती, स्किल और स्टेमिना से हराएंगे।