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कोर्ट ने कहा-ये इच्छाएं हैं, जरूरतें नहीं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने जेल के अंदर विशेष भोजन और पूरक आहार (फूड सप्लीमेंट) दिए जाने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि ये ‘आवश्यक जरूरतें’ नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि पहलवान सागर धनखड़ की छत्रसाल स्टेडियम में हत्या करने के सिलसिले में सुशील कुमार दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने कहा, ‘कथित विशेष भोजन और पूरक आहार आरोपी की केवल इच्छाएं हैं और किसी भी तरह से ये आवश्यक जरूरतें नहीं हैं।’ कानून के तहत आरोपियों की जरूरतों का जेलों में ख्याल रखा जाता है। अदालत ने आदेश में कहा, ‘कानून की नजर में हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग, वर्ग आदि का हो, बराबर होता है। समानता का अधिकार भारतीय संविधान की मूल विशेषता है।’ सुशील कुमार ने रोहिणी की अदालत में आवेदन दायर कर विशेष भोजन, पूरक आहार और कसरत के साजो-सामान जेल के अंदर मुहैया कराए जाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि अपने स्वास्थ्य एवं प्रदर्शन के लिए ये चीजें बहुत ही जरूरी हैं। इन चीजों से इंकार करने पर उनके कॅरियर पर असर पड़ेगा जो शारीरिक मजबूती पर निर्भर करता है। जेल अधिकारियों ने अदालत को पहले दिए अपने बयान में कहा था कि कुमार की चिकित्सीय हालत के मुताबिक उन्हें पूरक आहार या अतिरिक्त प्रोटीन आहार की जरूरत नहीं है। सुशील के वकील ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल को पूरक आहार का अधिकार है क्योंकि वह ‘गैर सजायाफ्ता आपराधिक कैदी’ हैं और उन्होंने अपने खर्च पर इनकी मांग की है।