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कोरोना संक्रमण को माना जा रहा मुख्य वजह नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक के आयोजन पर अभी भी संशय के बादल छंटे नहीं हैं। मेजबान जापानी नहीं चाहते कि इस समय वहां दुनिया का जमघट लगे। फिलवक्त खबर यह है कि खेलों के महाकुम्भ से उन देशों को हटा दिया जाए जहां कोरोना संक्रमण के मामले अधिक हैं। इन देशों भारत भी शुमार है। इस विषय पर अंतिम निर्णय ओलम्पिक आयोजन समिति को लेना है। दरअसल, कोरोना के कारण बने हालातों के मद्देनजर जापानी सरकार ने ओलम्पिक आयोजन समिति से कहा है कि वे उन देशों को हटाने पर विचार करें जिनके यहां कोरोना के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। इस मामले में मलेशिया का नाम सबसे आगे चल रहा है, जहां हाल ही में कोरोना के मामले अधिक बढ़े हैं। अब ये मलेशिया को तय करना है कि वह 23 जुलाई से आठ अगस्त तक चलने वाले टोक्यो ओलम्पिक से हटेगा या खेलने का फैसला जारी रखेगा। खेल अंतःपुर वालों की बातों पर यकीन करें तो मलेशिया के अलावा भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, वियतनाम और यूनाइटेड किंगडम अन्य देश हैं, जिन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, जापानी कैबिनेट ने यह नोट किया कि उन देशों के खिलाड़ियों का हटना मुमकिन नहीं है, क्योंकि वे ओलम्पिक गेम्स की तैयारी कर रहे हैं और टोक्यो आने वाले हैं। भारत के लिए अच्छी बात ये है कि ओलम्पिक खेलों के लिए जाने वाले एथलीटों में ज्यादातर को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। पहली डोज और दूसरी डोज के बीच समय है। ऐसे में अगली डोज का प्रबंध टोक्यो ओलम्पिक के दौरान किया जा सकता है। जापान की सरकार इसलिए भी भारत जैसे देश के खिलाड़ियों के भाग लेने से रोकने पर विचार कर रही है, क्योंकि देश में कोरोना के लगभग एक लाख मामले आए दिन सामने आ रहे हैं।